बिहार: एक तरफ कोरोना आफत बनी हुई है वहीं उत्तर बिहार में चमकी बुखार(एईएस) धीरे-धीरे बच्चों को अपना शिकार बना रहा है. मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में भर्ती जुड़वा बहनों की जिन्दगी चमकी बुखार (एईएस) निगल गई.
जिले के मुशहरी प्रखंड के रौशनपुर चक्की की दो एईएस पीड़ित जुड़वा बहनों में दूसरी मौसमी कुमारी की मौत मंगलवार की सुबह हो गई. सोमवार को मौसमी की बहन सुक्की कुमारी की मौत भी एसकेएमसीएच में इलाज के दौरान हो गयी थी.
दोनों बहनों को चार दिन पूर्व चमकी बुखार व बेहोशी की शिकायत पर एसकेएमसीएच में भर्ती किया गया था. दोनों बहनों की एईएस से मौत की पुष्टि अधीक्षक डॉ. एसके शाही ने कर दी है.
डॉ. शाही ने बताया कि दोनों बहन काफी गंभीर स्थिति में थीं. एसकेएमसीएच में इलाज होने से पूर्व गांव में उनका इलाज हुआ था. इधर, पिछले 18 घंटे में चमकी बुखार से पीड़ित पांच अन्य बच्चे भर्ती कराए गए हैं.
इसमें गौशाला रोड के आठ माह के अमन कुमार, मुशहरी रसुलपुर की पांच वर्षीया रीतु कुमारी, बंदरा पीयर के बड़ागांव के डेढ़ साल के मो.एजाज, पारू के सबलपुर की सात साल की सलोनी कुमारी, पूर्वी चंपारण चकिया की छह माह की अभिलाषा कुमारी को पीआईसीयू में भर्ती किया गया है. हालांकि इनको अभी एईएस की श्रेणी में डॉक्टरों ने नहीं रखा. लेकिन बुखार वाले सभी बच्चों की जांच की जा रही है.
इनमें मुख्य रूप से तय प्रोटोकॉल के तहत ब्लड में शुगर की कमी, सोडियम पोटेशियम की कमी को देखी जा रही है. अधीक्षक ने बताया कि अब तक एसकेएसीएच में ज्ञात अज्ञात एईएस के कुल 15 बीमार बच्चे भर्ती हुए. मुजफ्फरपुर के एईएस कन्फर्म तीन बच्चे की मौत हो गई है.