तेहरान: यूक्रेन के यात्री विमान गिराए जाने के मामले में ईरान ने कार्रवाई करना शुरू कर दिया है. ईरान की न्यायपालिका ने बताया है कि इस मामले में कुछ गिरफ्तारियां की गई हैं. समाचार एजेंसी के हवाले से यह खबर आई है.
गत 8 जनवरी को ईरान ने गलती से अपनी मिसाइल से तेहरान से उड़ान भरने वाले यूक्रेनी विमान को मार गिराया था. इसमें 176 लोगों की मौत हो गई थी. ईरान के राष्ट्रपति ने कहा है कि मामले की जांच के लिए विशेष अदालत का गठन किया जाना चाहिए.
ईरान ने शुरुआत में यह गलती स्वीकार नहीं की थी, लेकिन बाद में उसने मान लिया था कि यह गलती उनसे ही हुई है. ईरान पर निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का दबाव बनाया जा रहा है.
इस घटना के बाद ईरान अपने घर में भी घिरता जा रहा है. हादसे में 82 ईरानी नागरिक भी मारे गए थे. ईरान के नागरिक अपनी ही सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं. इस वजह से भी ईरान पर कार्रवाई का दबाव बनता जा रहा है.
इसके अलावा यूक्रेन, कनाडा, स्वीडन समेत पांच देशों ने गुरुवार को लंदन में इस संबंध में बैठक करने का फैसला किया है. इन पांच देशों के नागरिक भी उस विमान में सवार थे. ये देश बैठक में यात्रियों के परिजनों के लिए हर्जाने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई को लेकर चर्चा करेंगे.
ईरान की न्यायपालिका के प्रवक्ता घोलमहुसैन इस्माइली के मुताबिक न्यायपालिका ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया है. उन्होंने मारे गए यात्रियों और उनके परिजनों के अधिकारों को भी सुरक्षित रखने का भरोसा जताया है.
ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने साफ कहा है कि यूक्रेन के विमान को दुर्घटनावश मार गिराए जाने के जिम्मेदार सभी लोगों को दंडित किया जाना चाहिए. उन्होंने टीवी पर दिए अपने भाषण में कहा, ‘जिस किसी की भी गलती या लापरवाही थी उसे न्याय का सामना करना होगा. जिस किसी को भी सजा मिलनी चाहिए उसे सजा जरूर मिलनी चाहिए.’
रूहानी ने कहा कि न्यायपालिका को विशेष अदालत का गठन करना चाहिए जिसमें उच्च रैंकिंग वाले न्यायाधीश और दर्जनों विशेषज्ञ हो.