रांची: रांची के आईपीएच सभागार में युनानी दिवस मनाया गया जिसमें हकीम अजमल खान को याद किया गया. हकीक अजमल खान का जन्म 11 फरवरी 1868 को हुआ था, उन्ही को याद कर 11 फरवरी को यूनानी दिवस प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है. हकीम अजमल खान आजीवन यूनानी चिकित्सा पद्वति के विकास के लिए संघर्ष करतें रहे. उन्होंने करोल बाग दिल्ली में आयुर्वेदिक यूनानी कालेज की स्थापना किया. वे कांग्रेस के निर्वाचित अघ्यक्ष थे. मुसलिम लीग तथा जामिया इसलामिया विश्वविद्यालय के संस्थापक थे.
भारत सरकार आयुष मंत्रालय द्वारा 11 फरवरी को 2017 से युनानी दिवस मनाया जाने लगा है. यूनानी दिवस मनाने का उद्देश्य-युनानी चिकित्सा जो एक प्राचीन चिकित्सा पद्वति है, जिससे मूल रूप से औषधिय पौधो के माध्यम से ईलाज किया जाता है. इस पद्वति के बताये गये सिद्वान्तों से हम स्वस्थ एवं रोग मुक्त रह सकते है. साथ ही राज्य की आम जनता को विलुप्त हो रहे युनानी पद्वति के बारे में लोगो को जागरूक करना है.
कार्यशाला को संबोधित करते हुए नरसिंह कुमार खलको, निर्देशक वित्त ने युनानी चिकित्सा पद्वति के महत्व को बताते हुए गुड हेल्थ एवं वेलनेस पर प्रकाश डाला साथ ही युनानी पद्वति का जीवन में प्रसन्नता, सम्पन्न्ता के बारे में प्रतिभागियों को जानकारी दी. डा. श्रीचन्द प्रसाद, निर्देशक आयुष ने लाइफ स्टाईल डिजिज एंड इटेस मनैजमेंट को बताते हुए कहा कि सभी को प्रति दिन कम से कम 30 मिनट फिजिकल वर्क करना चाहिए.
सुमन पाठक, प्रशासी पदाधिकारी, एन.एच.एम ने प्रतिभागीयो को संबोधित करते हुए कहा कि देर रात तक जागना, वजन एवं माटापा का बढ़ना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. जिसे युनानी चिकित्सा पद्वति एवं योग के माध्यम से ठीक किया जा सकता है.
डा. फजलुस समी, जिला आयुष चिकित्सा पदा. सह नोडल पदाधिकारी, एन.ए.एम ने कहा की युनानी पद्वति के द्वारा कई रोगो का ईलाज, सही रहन-सहन एवं सही खान-पान के द्वारा ठीक करने का दावा किया.
उन्होंने कहा की वर्षो पहले इतने सारे रोग नहीं थे, जो रोग था उसका ईलाज केवल युनानी पद्वति के जडी-बूटियों द्वारा किया जाता था. धन्यवाद ज्ञापन डा. जफर इकबाल, सदस्य केन्द्रीय चिकित्सा परिषद, नई दिल्ली ने किया. इस अवसर पर मंच संचालन डा. अमरेन्द्र कुमार पाठक, तथा कार्यक्रम का सफल संचालन में डा. अनुज कुमार मंडल, पंकज कुमार तथा आयुष निर्देशालय के सभी कर्मियों का पूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ.