जावेद अख्तर,
गोड्डा: महागामा प्रखण्ड मुख्यालय स्थित परसा पंचायत में स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण में लाखों रुपये गबन का मामला प्रकाश में आया है. शौचालय निर्माण की गड़बड़झाला की बात सब जानते है, मगर शौचालय निर्माण में रूपये के घोटाले का प्रथम मामला है. इस गड़बड़झाला का पर्दाफाश आरटीआई के तहत सूचना मांगने के बाद ही पूरे मामला सामने आया.
परसा पंचायत के ही एक व्यक्ति ने लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह परसा द्वारा शौचालय निर्माण को लेकर आरोप लगाते हुए प्रखण्ड कार्यालय महागामा से सूचना मांगा था. जिसमें की लाखों रुपये गबन का पर्दाफाश हुआ.
जानकारी के अनुसार स्वच्छ भारत मिशन के तहत वित्तीय वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 का लक्ष्मी स्वंय सहायता समूह को शौचालय निर्माण के लिए 6 लाख रुपया आवंटन किया. जिसमें कुल 50 लाभुकों का शौचालय निर्माण कराया जाना था. प्रत्येक लाभुकों को 12 हजार रुपये शौचालय निर्माण के लिए दिया जाता है. जिसके हिसाब से 50 लाभुकों का 6 लाख रुपया होता है, लेकिन उन्होंने महज 25 लाभुकों को शौचालय का निर्माण कराया और बाकी 25 लाभुकों के राशि को गबन कर लिया.
बता दें कि निर्माण किए गए शौचालय के 25 लाभुकों में भी अधिकांश लाभुकों में फर्जीवाड़ा किया गया है. इन 25 लाभुकों में से अधिकतर लाभुकों का किसी अन्य एजेंसी के द्वारा भी शौचालय का निर्माण कराया जा चुका है. बाकि बचे लाभुकों का प्लॉट पर शौचालय है ही नहीं.
मांगी गई शौचालय निर्माण के लाभुकों की सूची में दो ऐसे लाभुक है, जिसका नाम और पिता का नाम दोनों एक ही है. अजमल नामक लाभुकों का पिता का नाम भी अजमल ही है और साथ ही साथ अजय शर्मा के नाम का लाभुक का पिता का नाम भी अजय शर्मा है. जिससे साफ जाहिर होता है कि फर्जीवाड़े के आधार पर ही सोने पे सुहागा किया गया है.
इसमें बिचौलियों ने खूब सरकारी पैसों का डंका बजाया है. गौरतलब हो कि इतनी बड़ी रकम का हाजमा यह समूह कर चुके है, लेकिन पूरे जिला प्रशासन के कान तक जूं नहीं रेंगा. जिससे कि बिचौलियों एवं घोटालेबाजों का मनोबल सातवें आसमान पर पहुंच चुका है.
कुछ जानकारों की माने तो सरकार के खजाने का 1 रुपया अगर कोई हजम करता है, तो उसे भारी पड़ता है. लेकिन इस मामले के आगे सभी कहावते हवा हवाई ही रह गईं और लाखों रुपयों की मोटी रकम गबन कर लिया गया और किसी को जानकारी तक नहीं हुआ.
गांधी जी के सपनों को साकार करने के लिए स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण कर के खुले में शौच मुक्त भारत बनाने के सपने को यह मामला मुंह चिढ़ा रहा है. भले ही पंचायत के हर गांव में खुले में शौच मुक्त का बोर्ड लगा हो, लेकिन अभी तक खुले में शौच से मुक्त नहीं हुआ है.
यह मामला जांच का विषय बनता है और त्वरित कारवाई का ग्रामीणों ने मांग की है.
वहीं इस सम्बन्ध में उप विकास आयुक्त गोड्डा सुनील कुमार से इस संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस मामले में त्वरित जांच के लिए टीम गठन का प्रक्रिया शुरू कर दी गई हैं. जांच के बाद दोषी पाए जाने पर समूह के ऊपर त्वरित कार्यवाई की जाएगी.