गुना: कलेक्टर कुमार पुरूषोत्तम ने कहा है कि एक आदेश के तहत सभी अस्पताल संचालकों को मेडिकल शॉप चलाने वालों को सार्थक लाइट एप डाउनलोड करने के निर्देश दिए गए थे और इसके बहुत ही अच्छे परिणाम आए है.
हम इस स्थिति में आ गए कि सार्थक लाइट एप के जरिये हर पेशेंट को जल्दी ट्रेक कर रहे हैं और उनका इलाज कर रहे हैं परंतु, कल दो घटनाएं ऐसी हुई जिसमें एक ऐसा रोगी संज्ञान में आया जो शहर के दो अस्पतालों क्रमश: 2 अगस्त को संजीवनी और 03 अगस्त को बालाजी अस्पताल में अपना इलाज कराया.
उक्त दोनों चिकित्सालयों द्वारा सार्थक लाइट एप डाउनलोड नही कराया गया था. उसके बाद उक्त रोगी 04 अगस्त को भोपाल के एलबीएस हॉस्पिटल में इलाज कराने भर्ती हुआ. जहां वह कोरोना संक्रमित हुआ. जिसे 07 अगस्त को एलबीएस चिकित्सालय प्रबंधन द्वारा उसे बाहर निकाल दिया गया था.
उसके बाद भोपाल से वापस लौटकर 07 अगस्त की रात 2 बजे ही गुना जिला चिकित्सालय में एडमिट हो गया. इस प्रक्रिया में बहुत ही संभावित खतरे हैं. जितने लोगों से संपर्क में आया होगा यह नहीं मालूम.
कलेक्टर पुरूषोत्तम ने बताया कि हमारे द्वारा कांन्टेक्ट ट्रेस करने कि कोशिश की जा रही है. लेकिन इससे यह स्पष्ट है कि दोनों अस्पताल संचालकों ने आदेश का पालन नही किया.
उनके खिलाफ कार्रवाई की जाकर तीन दिवस के लिए अस्पताल बंद करा दिया गया है और जो भी दण्डात्मक कार्रवाई होगी, की जाएगी.
उन्होंने जिले के समस्त निजी चिकित्सालयों के संचालकों से कहा है कि वे उक्त तथ्य को समझें. इसी उद्देश्य से रविवार 09 अगस्त 2020 को वे रू-ब-रू बात करेंगे. इस हेतु दोपहर 01 बजे रविवार को जिले के समस्त अस्पताल संचालकों की बैठक कलेक्ट्रेट में आयोजित की जाएगी.
जिसमें उन्हें यह अवगत कराया जाएगा कि लापरवाही के क्या नतीजे हो सकते हैं ? जनसुरक्षा को खतरा है. निजी अस्पतालों के संचालक इस बात को समझें. अन्यथा कानूनी प्रक्रिया के उल्लंघन पर उनके विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी.