नई दिल्ली: देश के कई राज्य कोरोना वैक्सीन की किल्लत को लेकर लगातार केंद्र पर हमला बोल रहे हैं. कोविडशील्ड वैक्सीन की निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट प्रमुख अदार पूनावाला ने कहा था उसे कोविड 19 वैक्सीन उत्पादन को बढ़ाने के लिए 3,000 करोड़ और तीन महीने की आवश्यकता है. जिस पर जवाब देते हुए एम्स प्रमुख डाक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि भारत ही नहीं कोरोनोवायरस का टीका वैश्विक स्तर पर चिंता का विषय है. वैक्सीन की डिमांड को समझना कोई ‘रॉकेट साइंस’ नहीं था.
उन्होंने कहा आने वाले समय में वैक्सीन की मांग तेजी से बढ़ेगी इसका पता तभी चल गया था जब 6 महीने पहले वैक्सीन का ट्रायल अंतिम चरण में था. तभी दुनिया भर में वैक्सीन की मांग तेज हो गई थी. गुलेरिया ने ये जवाब सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला के मौजूदा समय में वैक्सीन उत्पादन की स्थिति “बहुत तनावपूर्ण” होने के बारे में जवाब दिया.
गुलेरिया का ये बयान अदार पूनावाला के उस बयान के दो दिन बाद आया है जिसमें पूनावाला ने कहा था कि सीरम इंस्टीट्यूट जो कि कोविडशील्ड वैक्सीन की निर्माता कंपनी है. उसे कोविड 19 वैक्सीन उत्पादन को बढ़ाने के लिए 3,000 करोड़ और तीन महीने की आवश्यकता है.
पूनावाला ने कहा था ये एक छोटा आंकड़ा नहीं है, क्योंकि हमने पहले ही हजारों करोड़ रुपये खर्च कर दिए हैं. हमें अपनी क्षमता निर्माण के लिए अन्य नए तरीके तलाशने होंगे.’ इसके साथ ही पूनावाला ने उम्मीद जताई थी कि कोविशील्ड वैक्सीन की उत्पादन क्षमता जून से प्रति माह 11 करोड़ तक बढ़ जाएगी.
गुलेरिया ने कहा ” उत्पादन क्षमता के लिए उत्पादकों को कुछ तो करना पड़ेगा. भारत ही नहीं पूरी दुनिया को इसकी जरूरत के बारे में पता था अब यह कहना कि वे मेनिफक्चरिंग शुरू कर देंगे. मांग हमेशा से ज्यादा रहेगी और बढ़ती जाएगी. इस बात को समझने के लिए किसी राकेट सांइस की जरूरत नहीं है. “…
उन्होंने कहा मैं वित्त पर सलाह नहीं दे सकता, लेकिन मुझे यकीन है कि वे पर्याप्त निवेशक होंगे जो विनिर्माण के लिए समर्थन करने के लिए तैयार हैं. दुनिया टीके चाहती है … हमारे पास 50 कैंडीडेट क्लीनिकल ट्रायल से गुजर रहे हैं क्योंकि लोग इसे न केवल मानवता के लिए देखते है इसके साथ इसकी मार्केट वेल्यू है.