उत्तर प्रदेश : यूपी सरकार की ओर से मरीजों को बेड उपलब्ध कराने के लिए लगातार नई रणनीति अपनाई जा रही है. सरकारी अस्पतालों में बेड बढ़ाने, निजी अस्पतालों को टेकओवर करने बाद अब लक्षण खत्म होते ही मरीजों को होम आइसोलेशन में भेजने की तैयारी है. इसके लिए नया प्रोटोकॉल तैयार हो रहा है. इससे कम मैनपावर में ज्यादा मरीजों को इलाज मिल सकेगा. सप्ताहभर के अंदर इसे जारी कर दिया जाएगा.
प्रदेश में मंगलवार को 18021 नए मरीज मिले हैं. इसमें अकेले लखनऊ में 5382 मरीज मिले है. एक्टिव केस की संख्या 95980 हो गई है. लखनऊ के विभिन्न चिकित्सा संस्थानों में 2500 गंभीर मरीज भर्ती हैं. अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों को डिस्चार्ज करने लिए प्रोटोकॉल बना है.
इसके तहत बिना लक्षण वाले मरीजों को सात से 10 दिन बाद डिस्चार्ज किया जाता है. लक्षण वाले मरीज को सभी लक्षण खत्म होने के सात दिन बाद अथवा आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट निगेटिव होने के बाद डिस्चार्ज किया जाता है. सूत्रों का कहना है कि अब इसमें बदलाव किया जा रहा है.
नई रणनीति में बिना लक्षण वालों को होम आइसोलेशन में रखने की तैयारी है. जो लोग विभिन्न गंभीर बीमारियों की चपेट में हैं उन्हें अस्पताल में भर्ती कर जांच किया जाएगा. आक्सीजन लेवल सहित अन्य मानक में सुधार मिलने पर दूसरे दिन ही डिस्चार्ज किया जा सकेगा. जिन लोगों को लक्षण है, उनकेभर्ती करने के बाद तीन से चार दिन में लक्षण खत्म हो जाता है तो उन्हें भी डिस्चार्ज कर दिया जाएगा.
ऐसे मरीजों के लिए होम आइसोलेशन का समय 14 दिन से बढ़ाकर 21 दिन किया जा सकता है. इतना जरूर है कि मरीज की हालत बिगड़ने पर प्राथमिकता के आधार पर दोबारा भर्ती किया जाएगा. सूत्रों का यह भी कहना है कि चिकित्सा विशेषज्ञों की राय पर होम आइसोलेशन वाले मरीजों को टेलीमेडिसिन के अलावा अन्य तरीके से इलाज देने की तैयारी है. इसके लिए मेडिकल मोबाइल टीम का भी प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. इस रणनीति से क म बेड और मैनपॉवर में ज्यादा मरीजों को इलाज दिया जा सकेगा.