लखनऊ: कोरोना वायरस संकट के बीच पंचायत चुनावों में देरी होने की खबरें आ रही हैं. इस दाैरान उत्तर प्रदेश के पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण पंचायत चुनावों में देरी होने की अटकलों का खंडन किया. उन्होंने कहा कि चुनाव दिसंबर में अपने समय पर होंगे. राज्य निर्वाचन आयोग यह भी बताता है कि इस डर से घबराने की जरूरत नहीं है. मंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि चार जिलों में परिसीमन के कामों को पूरा करने के लिए कम से कम छह महीने की जरूरत है. 48 जिलों में 1,000 ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन और रोल संशोधन और वार्डों का आरक्षण होना है. वह त्रिस्तरीय ग्रामीण चुनावों को समय पर पूरा करने के लिए आश्वस्त हैं क्योंकि सात महीने अभी भी ग्राम पंचायतों, ब्लॉकों और जिला प्रमुखों के कार्यकाल को पूरा करने के लिए शेष हैं.
जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध
महिला उम्मीदवारों के लिए सीटों के निर्धारण में समय लगता
अनुसूचित जनजातियों, पिछड़ी जातियों और वार्डों में महिला उम्मीदवारों के लिए सीटों के निर्धारण में समय लगता है. इसे जल्दबाजी में पूरा नहीं किया जा सकता है. राज्य निर्वाचन आयोग के अतिरिक्त आयुक्त वेद प्रकाश वर्मा ने कहा कि आयोग समय पर चुनाव कराने के लिए तैयार है, बशर्ते राज्य सरकार रोल संशोधन, वार्डों के आरक्षण और आंशिक परिसीमन से संबंधित काम जल्द पूरा करे. राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव को अलग-अलग चरणों में आयोजित करने के लिए समय कम करने की रणनीति बनाई है और चुनाव प्रक्रिया को कम समय में पूरा किया जाएगा. कोरोना महामारी में ग्राम पंचायतों की भूमिका अब प्रवासी भारतीय श्रमिकों को रोजगार देने में महत्वपूर्ण है.