छठ घाटों पर कई शर्तां के साथ अर्घ्य देने की मिली अनुमति
रवि सिन्हा,
रांची:- झारखंड सरकार ने छठ महापर्व को लेकर भारी जनदबाव को लेकर मंगलवार देर शाम को नया गाइडलाइन जारी कर दिया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में झारखंड मंत्रालय में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार की छठ महापर्व को लेकर हुई बैठक के बाद देर रात कुछ आंशिक संशोधन के साथ नये गाइडलाइन को जारी कर दिया गया.
मुख्य सचिव सुखदेव सिंह के हस्ताक्षर से आपदा प्रबंधन एवं गृह विभाग द्वारा जारी नये गाइडलाइन में 15 नवंबर को जारी आदेश में संशोधन किया गया है. इसके तहत सार्वजनिक स्थानों पर कई शर्त्तां के साथ छठ पूजा की अनुमति दी गयी है. पूजा के दौरान सभी को मास्क पहनना अनिवार्य होगा, छह फीट की दूरी बनायी रखनी होगी और किसी भी जलाशय के किनारे थूकने पर सख्त पाबंदी होगी. इसके अलावा छठ घाट के निकट किसी भी तरह के स्टॉल नहीं लगाये जाएंगे, वहीं पटाखे फोड़ने पर भी रोक होगी. इसके अलावा गाना बजाने और किसी भी प्रकार के मनोरंजन या सांस्कृतिक कार्यक्रम पर रोक रहेगी. इस आदेश का उल्लंघन करने पर आपदा प्रबंधन कानून की धारा 51 से 60 और भादवि की धारा 188 के तहत विधिसम्मत कार्रवाई की जा सकती है.
इससे पहले मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन और स्वास्थ्य एवं आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता की उपस्थिति में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार के सदस्यों की बैठक हुई . इस बैठक में कोविड-19 को देखते हुए छठ महापर्व के सुरक्षित आयोजन को लेकर विस्तार से विचार-विमर्श हुआ . मुख्यमंत्री ने कहा कि छठ महापर्व लोक आस्था से जुड़ा हुआ है . चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं . संध्याकालीन अर्घ्य और प्रातः कालीन अर्घ्य के लिए के लिए नदियों, तालाबों, डैम, झील और अन्य वाटर बॉडीज में श्रद्धालु जुटते हैं . ऐसे में कोरोना संक्रमण को देखते हुए यहां सतर्कता और सुरक्षित तरीके से छठ महापर्व के आयोजन को लेकर पुख्ता व्यवस्था होनी चाहिए . उन्होंने कहा कि लोक आस्था के महापर्व को देखते हुए सरकार द्वारा पहले जारी किए गए दिशानिर्देशों में आंशिक संशोधन किया जा रहा है .
लोगों से सहयोग करने का आग्रह
मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे नदियों तालाबों डैम, झील समेत अन्य वाटर बॉडीज में छठ पर्व मनाने के दौरान सामाजिक दूरी समेत अन्य दिशा निर्देशों का पालन करें उन्होंने लोगों से यह भी कहा कि कोरोना का खतरा अभी खत्म नहीं हुआ है और ना ही इसकी अभी तक कोई कारगर दवा आई है . ऐसे में अब तक आपने जो सावधानी बरती है और सरकार को जो सहयोग किया है , वैसा ही छठ महापर्व के आयोजन के दौरान करें . उन्होंने लोगों से यह भी आग्रह किया कि वे यथासंभव अपने घरों पर छठ महापर्व मनाएं ताकि इस महामारी कि फैलने का खतरा नहीं हो . प्राधिकार की बैठक में बिहार समेत अन्य राज्यों द्वारा छठ महापर्व को लेकर जारी किए गए एडवाइजरी पर भी विचार विमर्श किया गया .
कोरोना से सुरक्षा के साथ जन भावनाओं का भी रखा जाए ख्याल
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि यह पर्व लोक आस्था के साथ जुड़ा हुआ है . झारखंड और बिहार में इस पर्व की अपनी अलग ही महता है . इस महापर्व को बड़ी संख्या में लोग मनाते हैं . ऐसे में जन भावनाओं का ख्याल रखते हुए सुरक्षित माहौल में नदियों ,तालाबों, डैम आदि में अर्घ्य देने के लिए पहले से जारी किए गए दिशा निर्देशों में आंशिक संशोधन किया जाए .उन्होंने यह भी कहा कि इस आयोजन में कोरोना से बचाव को लेकर जारी अन्य दिशा निर्देशों का पालन भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए .
इस बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह , मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी, वित्त विभाग की प्रधान सचिव हिमानी पांडेय, आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अमिताभ कौशल औऱ कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के सचिव अब अबू बकर सिद्दीक ने भी अपनी राय रखी . इस विचार विमर्श के बाद ही छठ महापर्व के आयोजन को लेकर दिशा निर्देशों में आंशिक संशोधन करने पर सहमति बनी.
महापर्व छठ को लेकर सरकार ने जारी किए संशोधित निर्देश
1. शारीरिक दूरी का ख्याल रखना जरूरी होगा
2. सभी को मुंह पर मास्क लगाना होगा
3. सार्वजनिक जगहों पर थूकना वर्जित होगा, नदी-तालाब में भी नहीं
4. नदी, तालाब या डैम के किनारे किसी प्रकार का स्टॉल नहीं लगेगा
5. पटाखों पर पाबंदी रहेगी
6. किसी तरह का सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होगा
7. नियमों का अनुपालन सुनिश्चित कराने में छठ समितियां प्रशासन का सहयोग करेंगी
8. नियमों की अनदेखी पर होगी आपदा प्रबंधन नियमों के तहत होगी कार्रवाई