रांचीः चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू यादव की जमानत पर अब 16 अप्रैल को सुनवाई होगी. इस मामले में सीबीआइ की ओर से समय की मांग की गई जिसे अदालत ने स्वीकार करते हुए मामले में अगली सुनवाई 16 अप्रैल को निर्धारित की है. अदालत ने कहा कि सीबीआइ इस मामले में तीन दिनों के अंदर अदालत में जवाब दाखिल करें.
सुनवाई के दौरान वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि सीबीआइ की ओर से जानबूझ कर समय लिया जा रहा है. पिछली सुनवाई के दौरान ही हमने यह आशंका जताई थी कि याचिका दाखिल करने पर सीबीआइ की ओर से समय की मांग की जाएगी. कपिल सिब्बल ने यह भी कहा कि सीबीआइ इसलिए समय लेना चाहती है, क्योंकि वो इस मामले में हाई कोर्ट के 19 फरवरी के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देकर स्थगन आदेश प्राप्त कर ले. क्योंकि हाई कोर्ट इस मामले में सात साल के सजा की आधी अवधि मानकर जमानत पर सुनवाई कर रहा है. जबकि सीबीआइ कोर्ट ने दुमका वाले मामले में लालू प्रसाद को सात-सात साल की सजा सुनाई है और दोनों सजाएं अलग-अलग चलाए जाने का आदेश दिया है. ऐसे में कुल चौदह साल की सजा होती है.
लालू प्रसाद के अधिवक्ता कपिल सिब्बल व देवर्षि मंडल ने अदालत को बताया कि लालू प्रसाद के मामले में ही सीबीआइ जानबूझ कर समय ले रही है और इनके ही मामले में सबसे ज्यादा जवाब दाखिल किया जा रहा है. उनकी कोशिश है कि लालू प्रसाद यादव जेल से बाहर नहीं निकल पाएं. क्योंकि जब लालू प्रसाद ने जमानत याचिका दाखिल की थी, तो सीबीआइ के पास जवाब दाखिल करने के लिए पर्याप्त समय था. लेकिन वे मामले की सुनवाई का इंतजार करते रहे, ताकि समय की मांग की जा सके. कहा गया कि पिछली सुनवाई के दौरान सीबीआइ की ओर से बहस पूरी कर ली गई थी. अब उनके पास कहने को कुछ नहीं है. ऐसे में समय मांगा जाना सही नहीं है.