उत्तर प्रदेश: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में उपद्रवी पैसा लेकर हिंसा व आगजनी की घटना के अंजाम दे रहे हैं.
इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि वास्तव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सशक्त नेतृत्व में जो कार्य आगे बढ़ाए गए हैं, उसे 1947 के बाद ही प्रारंभ हो जाने चाहिए थे.
इससे पहले नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में हुई हिंसक घटनाओं के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को विभिन्न धर्माचार्यों और प्रबुद्ध वर्ग से आगे आकर प्रशासन से सहयोग करने की अपील की थीं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि धर्माचार्य एवं प्रबुद्ध वर्ग शान्ति कायम रखने में जुटे प्रशासन का सहयोग करते हुए हर नागरिक को वस्तुस्थिति की जानकारी दें कि नागरिकता कानून भारत के प्रत्येक नागरिक को सुरक्षा की गारंटी है.
उन्होंने कहा था कि केंद्र और प्रदेश की सरकार हर नागरिक की सरकार है. सरकार और कानून-व्यवस्था पर भरोसा रखें. किसी के बहकावे में न आएं. कानून को अपने हाथ में न लें.
योगी ने यह भी कहा कि अगर नागरिकता कानून को लेकर किसी के मन में कोई आशंका भी है, तो कानून को हाथ में लेने के बजाय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उस कथन पर भरोसा रखें, जो उन्होंने नागरिकता विधेयक के सन्दर्भ में कहा है.
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ की नीति के आधार पर कार्य कर रही है. सभी योजनाओं में जाति, मत, मजहब से ऊपर उठकर बिना भेदभाव के सबके कल्याण के लिए कार्य किया जा रहा है. इस सरकार में किसी के साथ अन्याय नहीं हुआ है.
मालूम हो कि सीएए के खिलाफ प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत राज्य के विभिन्न जिलों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़पों में कम से कम 16 लोग मारे जा चुके हैं.