नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर पैदा हुई तनाव की स्थिति को लेकर व्हाइट हाउस के एक शीर्ष अधिकारी ने बीते सोमवार को कहा कि भारत और चीन के बीच या कहीं और भारत के साथ किसी का संघर्ष होता है तो ऐसी स्थिति में अमेरिकी सेना भारत के साथ मजबूती से खड़ी रहेगी.
व्हाइट हाउस के चीफ ने कही ये बात
अमेरिका की तरफ से ये बयान तब आया है जब नौसेना द्वारा क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ाने हेतु दक्षिण चीन सागर में दो विमान वाहक पोत तैनात किए गए हैं. व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टॉफ मार्क मीडोज ने साफ संदेश देते हुए कहा कि वे चुपचाप खड़े होकर चीन को या किसी और को सबसे शक्तिशाली या प्रभावी बल होने के कारण कमान नहीं थामने दे सकते हैं. उन्होंने चीनी ऐप के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि भारत ने चीन से हुई हिंसक झड़प के बाद चीन के 59 एप पर बैन लगा दिया है.
विवादित इलाके से करीब 2 किलोमीटर पीछे हटी चीनी सेना
वहीं दूसरी ओर पूर्वी लद्दाख स्थित गलवान घाटी में 15 जून को हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के बीच जारी बीतचीत के बाद विवादित इलाके से चीनी सेना करीब 2 किलोमीटर पीछे हट गई है. वहीं ऐसे में चीन ने इस बात की पुष्टि करते हुए स्वीकार किया है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव कम करने की दिशा में काफी प्रगति हुई है.
अजीव डोभाल और चीनी विदेश मंत्री के बीच हुई थी बातचीत
चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच हुई बातचीत में तनाव कम करने की दिशा में काफी बढ़ोतरी हुई है. मिली जानकारी के मुताबिक भारत के विशेष प्रतिनिधि और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीव डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच हुई लंबी बातचीत के बाद ही दोनों देशों के सैनिक पीछे हटने पर सहमती बनी है.
तनाव को कम करने के लिए उठाया कदम- चीनी विदेश मंत्रालय
चीन के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक, दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच बातचीत के बाद अग्रिम मोर्चे पर तैनात सैनिकों के बीच तनाव को कम करके के लिए काफी अहम कदम उठाए जा रहे हैं. भारत-चीन के बीच जारी तनाव के दौरान दोनों देशों के बीच ये पहला कदम है जब तनाव की स्थिति में कमी आई है. दरअसल, गलवान घाटी में 15 जून को सीमा विवाद को लेकर हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए हैं, वहीं चीन के 35 से 40 जवानों के शहीद होने की खबर है.
डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया के तहत हटी चीनी सेना
फिलहाल दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया के तहत चीनी सैनिक करीब 2 किलोमीटर पीछे हट गए हैं. चीनी सैनिकों ने विवादित क्षेत्र में अपने कैंप भी पीछे हटा लिए हैं. दोनों देशों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर रिलोकेशन पर सहमति जताई थी, जिसक बाद अब इस इलाके को बफर जोन बना दिया गया है.