नई दिल्ली: अमेरिका में अश्वेत की हत्या के बाद से ही गृह युद्ध छिड़ा हुई है. इस मामले को लेकर अब वहां के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए सेना उतारने के सवाल पर मतभेद सामने आ गए हैं.
अमेरिकी रक्षा मंत्री ने बुधवार को पेंटागन हेडक्वार्टर में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि वह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों से निपटारे के लिए मिलिट्री फोर्स उतारने का समर्थन नहीं करते.
रक्षा प्रमुख ने ट्रम्प की धमकियों के बावजूद विरोध प्रदर्शनों को रोकने के लिए सैनिकों की तैनाती का विरोध करते हुए कहा कि Insurrection Act -1807 के तहत Active Duty Troup (मिलिट्री) का उपयोग करने का विकल्प केवल अंतिम उपाय के रूप में गंभीर स्थितियों में किया जाना चाहिए. एस्पर के अनुसार अभी अमेरिका में स्थिति वैसी नहीं हैं.
अमेरिका में एक अश्वेत की मौत के बाद हालात इतने ज्यादा बिगड़ गए हैं कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को वाशिंगटन डीसी में सेना बुलाने की बात कहनी पड़ी.
हिंसक प्रदर्शन की आग अबतक अमेरिका के 40 शहरों तक पहुंच गई है. अमेरिका में हिंसा की शुरुआत जॉर्ज फ्लॉयड नाम के अश्वेत शख्स की मौत के बाद मिनियापोलिस से हुई, जॉर्ज की मौत के पीछे पुलिस सिस्टम को जिम्मेदार माना जा रहा है.
आरोप है कि एक पुलिसकर्मी की थर्ड डिग्री के कारण जॉर्ज की मौत हुई. आरोपी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है, लेकिन अश्वेत समुदाय के लोग आरोपियों पर हत्या का मुकदमा चलाने की मांग रहे हैं.