बगदादः अमेरिकी हवाई हमले में ईरान के दूसरे सबसे ताकतवर शख्स सुलेमानी की मौत से तिलमिलाए ईरान ने पहले ही बदला लेने की घोषणा कर दी थी और बीती रात इराक में अमेरिकी ठिकाने रॉकेट और मोर्टार हमले से थर्रा उठे.राजधानी बगदाद में अमेरिकी दूतावास और बलाद एयर बेस पर शनिवार देर रात ईरान समर्थक मिलिशिया ने कई रॉकेट दागे.
इस बीच इराक के हिज्बुल्ला ने देश के सुरक्षा बलों को चेतावनी दी है कि वे अमेरिकी ठिकानों से 1000 मीटर दूर चले जाएं. उधर, अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने रॉकेट हमले के बाद धमकी दी है कि अमेरिकी लोगों और ठिकानों पर हमला करने वालों या इसका इरादा रखने वालों को ढूंढकर उनका खात्मा किया जाएगा.
ट्रंप ने कहा कि अगर ईरान ने हमारे ठिकानों पर हमला किया तो हम उसके 52 ठिकानों पर भीषण हमला करेंगे और उसे बर्बाद कर देंगे. इससे पहले शनिवार देर रात इराक की राजधानी बगदाद के ग्रीन जोन इलाके में कई मोर्टार बम गिरे और अमेरिकी सैनिकों के ठिकाने पर कई रॉकेट आ कर गिरे.
सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि बगदाद में शनिवार शाम मोर्टार के गोले ग्रीन जोन में आ कर गिरे. यह उच्च सुरक्षा वाला वह स्थान है जहां अमेरिकी दूतावास स्थित है. एक प्रक्षेपास्त्र जोन के अंदर जा कर गिरा. इन हमलों के बाद इलाके में सायरन बजने लगे और हेलिकॉप्टर मंडराते देखे गए. इन हमलों में किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है. अमेरिकी दूतावास को निशाना बनाने के बाद दो कतयूशा रॉकेट बगदाद के उत्तर में बालाद एयरबेस पर गिरे. इस एयरबेस पर बड़ी संख्या में अमेरिकी सैनिक रहते हैं. इन हमलों के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने हमलावरों को धमकी दी है कि उनको तलाशकर उनका खात्मा किया जाएगा.
उन्होंने कहा, ‘मेरे नेतृत्व के अंतर्गत आतंकवादियों के प्रति अमेरिका की नीति स्पष्ट है जिन्होंने किसी अमेरिकी को नुकसान पहुंचाया है या ऐसा करने की साजिश रच रहे हैं. हम आपको तलाश करेंगे और आपका खात्मा करेंगे. हम हमेशा अपने राजनयिकों और अपने लोगों की रक्षा करेंगे.’ ट्रंप ने कहा कि ईरान एक ऐसे आतंकवादी की हत्या का बदला लेने के लिए खुलेआम अमेरिकी ठिकानों पर हमले की बात कह रहा है जिसने अमेरिकी लोगों की हत्या की.
उन्होंने कहा, ‘ईरान हमारे दूतावास पर हमला कर रहा है और अन्य ठिकानों पर हमले के लिए तैयारी कर रहा है. ईरान की समस्या कई सालों से बनी हुई है. मैं ईरान को चेतावनी देना चाहता हूं कि यदि उसने किसी अमेरिकी या अमेरिकी ठिकाने पर हमला किया तो हमने ईरान के 52 लक्ष्यों की पहचान की है ईरान द्वारा बंधक बनाए गए 52 अमेरिकी बंदियों की याद में.’अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि इन 52 ईरानी ठिकानों में कई उच्च स्तर के हैं और ईरान तथा उसकी संस्कृति के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने कहा कि इन ठिकानों और खुद ईरान को बहुत तेजी से और बहुत विध्वंसक तरीके से निशाना बनाया जाएगा.
अमेरिका और ज्यादा धमकी नहीं चाहता है. ट्रंप ने संकट के इस समय में महाभियोग लाने के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की आलोचना भी की. तनावपूर्ण हालात को देखते हुए अमेरिका ने बड़ी संख्या में सैनिकों को पश्चिम एशिया के लिए रवाना किया है. यही नहीं अमेरिकी युद्धपोत भी इरान की ओर बढ़ रहे हैं. अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन ने भी अपने युद्धपोत को ईरान से सटे होर्मुज की खाड़ी के लिए रवाना किया है. बताया जा रहा है कि ईरान समर्थक मिलिशिया के निशाने पर 35 ठिकाने हैं जिनमें फारस की खाड़ी में गश्त लगा रहे अमेरिकी युद्धपोत और पश्चिम एशिया में अमेरिकी सैन्य ठिकाने शामिल हैं.
माना जा रहा है कि अगले 48 घंटे पश्चिम एशिया के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं. इस बीच ईरान समर्थक इराकी हिज्बुला कहे जाने वाले कतइब हिज्बुल्ला ने देश के सुरक्षाबलों को चेतावनी दी है कि वे अमेरिकी ठिकानों से कम से कम एक किमी दूर चले जाएं. कतइब हिज्बुल्ला की धमकी को देखते हुए अमेरिका ने पूरे इराक में निगरानी बढ़ा दी है ताकि किसी भी तरह के हमलों से बचा जा सके.
सूत्रों के मुताबिक शनिवार रात हुए रॉकेट और मोर्टार हमले इस बात के पहले संकेत हैं कि ईरान ने सुलेमानी की हत्या का बदला लेने के लिए कदम बढ़ा दिया है. उधर, ईरानी सेना के एक वरिष्ठ कमांडर ने कहा है कि उनका देश सुलेमानी की हत्या का बदला लेने के लिए सही समय और सही स्थान का इंतजार करेगा. बिग्रेडियर जनरल अबूलफैजल ने कहा, ‘हम अमेरिकी कार्रवाई का जवाब देने के लिए धैर्यपूर्वक प्लान बनाएंगे और जोरदार पलटवार करेंगे.
गौरतलब है कि ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खमनेई ने भी कहा है कि उनका देश सुलेमानी की हत्या का बदला लेगा. इस बीच ईरान के कोम में मस्जिद-ए-जमकरान पर लाल झंडा फहरा दिया गया है जो युद्ध का प्रतीक माना जाता है. पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव को कम करने के लिए प्रयास भी तेज हो गए हैं. जर्मनी ने कहा है कि वह ईरान से तनाव के खात्मे के लिए बात करेगा.
वहीं सऊदी अरब के किंग सलमान ने इराक के राष्ट्रपति बेरहम सालेह के साथ फोन पर बात की है. किंग सलमान ने कहा कि सऊदी अरब इराक की स्थिरता और सुरक्षा का समर्थन करता है. फ्रांस के राष्ट्रपति ने भी इराक के शीर्ष नेतृत्व से इस मुद्दे पर बात की है. उधर, चीन ने कहा है कि अमेरिका को अपनी शक्तियों का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए. चीन ने ईरान के नेताओं से इस मुद्दे पर बातचीत की है.चीन ने कहा कि अमेरिका के कदम ने अंतरराष्ट्रीय संबंधों के मूलभूत नियमों को तोड़ा है.