उत्तराखंड: चमोली जिले के जोशीमठ तपोवन धौलीगंगा में ग्लेशियर टूटने से आई तबाही के बाद रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय में भी अफरा-तफरी का माहौल बन गया. नगर क्षेत्र के सभी लोग अलकनंदा नदी किनारे से नदी के तेज बहाव के आने का इंतजार करते रहे लेकिन देर शाम तक भी पानी का तेज बहाव रुद्रप्रयाग तक नहीं आ पाया जबकि कर्णप्रयाग से पानी का वेग कम हो गया था. ऐसे में लोगों ने राहत की सांस ली.
जानकारी के अनुसार अब तक ग्लेशियर टूटने से मची तबाही में 14 शव बरामद हुए हैं. हालांकि कई लोगों के अभी भी मलबे में दबे होने की आशंका है. इस तबाही के बाद से करीब 170 लोग लापता हैं. इस हादसे में तपोवन का पावर प्रोजेक्ट तबाह हो गया है. कल आईटीबीपी ने टनल में फंसे 12 लोगों को निकाला है. वहीं, दूसरे टनल में अब भी करीब 30 लोगों के फंसे होने की आशंका है. फिलहाल बचाव कार्य लगातार तेजी से चल रहा है.
रैणी गांव में 100 से ज्यादा लोग लापता
चमोली जिले में रात भर राहत और बचाव के काम चलता रहा. आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम लगातार बचाव काम में लगी हुई हैं. थोड़ी देर में वायुसेना भी राहत के काम में लग जाएगी. सबसे ज्यादा नुकसान रैणी गांव के लोगों को हुआ है. यहां 100 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं. चमोली पुलिस ने ट्वीट कर लोगों को सतर्क रहने को भी कहा है.
प्रशासन की ओर से अलकंनदा और मंदाकिनी के किनारे बने घाटों से लोगों को दूर किया गया जबकि नदी किनारे बसे लोगों को सुरक्षित रहने की सलाह दी गई और हर समय सतर्क रहने को कहा गया.
रविवार सुबह जोशीमठ तपोवन धौलीगंगा में ग्लेशियर टूटने की खबर मिलते ही रुद्रप्रयाग नगर क्षेत्र में भी भय का माहौल बन गया. इसके बाद प्रशासन हरकत में आया और पुलिस, आपदा प्रबंधन एवं नगर पालिका ने नगर क्षेत्र की जनता से सुरक्षित रहने की अपील की.
जिलाधिकारी मनुज गोयल की ओर से इंसिडेंट रिस्पांस टीम के सदस्यों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए. उन्होंने कहा कि ग्लेशियर टूटने के कारण अलकनंदा नदी के भी जलस्तर बढ़ने की प्रबल संभावना है. जिला और पुलिस प्रशासन ने लाउड स्पीकर के माध्यम से नगर क्षेत्र की जनता से अपील की कि नदी किनारे के स्थानों से दूर सुरक्षित स्थानों पर जाने का कष्ट करें.
अपर जिलाधिकारी दीपेंद्र नेगी ने उपजिलाधिकारी सदर बृजेश तिवारी को लोगों को सतर्क करने के निर्देश दिए जिसके बाद एसडीएम सदर नगर क्षेत्र बेलणी के आवासीय मकानों में गए और लोगों को अलर्ट रहने को कहा. उन्होंने जनता से कहा कि अलकनंदा नदी का वेग कभी भी बढ़ सकता है. ऐसे में सुरक्षित स्थानों पर चले जांए.
आपदा प्रबंधन अधिकारी ने जिले के प्रसिद्ध कोटेश्वर मंदिर खाली करवाया और मंदिर के सभी दर्शनार्थी लोगों को ऊपर भेजा. इसके अलावा जनपद के इंसिडेंट रिस्पांस सिस्टम की ओर से सभी हालातों पर निरंतर निगरानी रखी जा रही है. वहीं देर शाम तक भी पानी का वेग नहीं बढ़ा, जिसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली. सुबह से ही देर शाम तक लोगों के मन में यही था कि अलकनंदा नदी का विकराल रूप कोई तबाही लेकर न आए, मगर कर्णप्रयाग में पानी का बहाव कम होने की सूचना के बाद लोगों ने राहत की सांस ली.
जिलाधिकारी मनुज गोयल ने कहा कि जोशीमठ तपोवन धौलीगंगा में ग्लेशियर टूटने की सूचना के बाद इंसिडेंट रिस्पांस टीम के सदस्यों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए. उन्होंने बताया कि ग्लेशियर टूटने के कारण अलकनंदा नदी के जलस्तर बढ़ने की प्रबल संभावना को देखते हुए लोगों को सतर्क किया गया. साथ ही लाउड स्पीकर के माध्यम से नगर की जनता से अपील की गई कि नदी किनारे के स्थानों से दूर सुरक्षित स्थानों पर जाने का कष्ट करें.
पुलिस अधीक्षक आयुा अग्रवाल ने बताया कि जनपद चमोली के तपोवन जोशीमठ क्षेत्र की तरफ ग्लेशियर टूटने की सूचना प्राप्त होने के बाद अलकनंदा नदी के जलस्तर बढ़ने की प्रबल सम्भावना को देखते हुए लोगों को नदी किनारे के स्थानों से दूर सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की गई.
कोतवाली रुद्रप्रयाग पुलिस की ओर से कोतवाली क्षेत्रान्तर्गत कस्बा रुद्रप्रयाग, बेलनी, संगम, कोटेश्वर महादेव मंदिर, झिरमोली एवं सिरोबगड़ तक एंनाउसमेंट कराते हुए नदी के किनारे लोगों एवं उसके आस-पास कार्यरत मजदूरों को सुरक्षा के दृष्टिगत हटवाया गया.
जनपद में पुलिस, एसडीआरएफ, फायर सर्विस, स्थानीय जिला प्राासन की टीमें अलर्ट स्थिति में मौजूद रही. देर शाम तक जनपद रुद्रप्रयाग क्षेत्रान्तर्गत पानी आ चुका था और नदी का जलस्तर सामान्य रहा.