अमन राज,
पथरगामा: हिंदू धर्म में महिला अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती है. ऐसे ही व्रतों में से एक वट सावित्री व्रत हर साल जेष्ठ माह के अमावस्या के दिन मनाया जाता है.
विवाहित महिलाओं द्वारा यह व्रत मनाया जाएगा परंतु वट वृक्ष के पास भीड़ जुटाने की इजाजत नहीं है. लॉकडाउन ने त्यौहार पर असर तो जरूर किया है पर विवाहिताओं के उत्साह में कमी नहीं हुई है.
लॉकडाउन के कारण सब ठप है. शहर में कई ऐसे स्थान है जहां महिलाएं हर साल पूजा के लिए आती जाती थी पर यह भी बंद है. लॉकडाउन से बाजार मंदा है और घरों से निकलना भी मुश्किल है. इसलिए इस बार वट सावित्री छोटे स्तर पर घर में ही की जाएगी.
पहली बार व्रत कर रही विवाहिताओं के लिए अधिक परेशानी है. क्योंकि पारंपरिक तरीके से पूजा नहीं हो पाएगी. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता सावित्री अपने पति के प्राणों को यमराज से जुड़ा कर ले आई थी.
अत: इस व्रत का महिलाओं के बीच विशेष महत्त्व बताया जाता है. इस दिन वट (बरगद) का पूजन होता है. इस व्रत में अखंड सौभाग्यवती रहने की मंगल कामना की जाती है.