पलामू : चुनाव में विकास का ढोल पीटने से अब काम नहीं चलने वाला है. जनता अब अपने नेताजी से हिसाब किताब करने लगी है और धरातल पर काम भी खोजने लगी है. काम नहीं दिखाई देने पर इंकलाब का ऐलान भी करने लगी है. वाकया पलामू जिले के पांडू ब्लॉक का है. पांडू ब्लॉक के आधा दर्जन गांवों के लोग जब विकास बाट जोहते जोहते थक गए तो इंकलाब का ऐलान कर दिया. ग्रामीणों का ऐलान है कि रोड नहीं तो वोट नहीं.
आइये जानते है कि पूरा वाकया क्या है? आजादी के बाद से पांडू ब्लॉक के आधा दर्जन गांवों के लोग सड़क की जर्जर हालत के कारण परेशानी झेल रहे हैं. लेकिन आज तक किसी ने इनलोगों की सुधि ली. जब सब्र का बांध टूट गया तो आज लवरपांडू, असनौलिया, गगनकेड़ी, गोल्हेयाटाड़, बरवाडीह, विशुनपुर टोला आदि लगभग आधा दर्जन गांवों के ग्रामीण आज सड़क पर उतर गए.
सिस्टम से खफा ग्रामीणों ने जमकर विरोध जताया. हाथ में रोड नहीं तो वोट नहीं लिखे हुए बैनर के साथ नारेबाजी करते हुए ग्रामीणों ने रैली निकाली. बाद में पांडू बिश्रामपुर मेन रोड पर बंधेराज पहुंचे और रैली को समाप्त कर दिया. ग्रामीणों ने संकल्प लिया की जब तक सड़क का निर्माण नहीं होगा तब तक वे लोग किसी के पक्ष में मतदान नहीं करेंगे. मतदान का पूरी तरह बायकॉट करेंगे.
रैली में शामिल ग्रामीणों की मानें तो उनलोगों ने इस संबंध में बीडीओ को भी लिखित आवेदन देकर सड़क निर्माण की मांग की थी, लेकिन आज तक सड़क का निर्माण नहीं हो सका. बंधेराज से लवरपांडू गांव तक डेढ़ किलोमीटर तक सड़क काफी जर्जर स्थिति में है. गाड़ी तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल है. किसी बीमार मरीज को अगर बाहर ले जाना होता है, तो परेशानी बढ़ जाती है. गांव में कोई गाड़ी वाला नहीं जाना नहीं चाहता है.
ग्रामीण उमेश शर्मा बताते हैं कि आधा दर्जन गांव के लोग नारकीय जीवन जी रहे हैं. आज तक किसी जनप्रतिनिधि ने इस सड़क को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई. नेता लोग वोट के समय उसी जर्जर सड़क से आते हैं और झूठा आश्वासन दे कर चले जाते हैं. उन्होंने बताया कि इस बार आधा दर्जन गांवों के लोगों ने निर्णय लिया है कि रोड का निर्माण नहीं हुआ तो किसी परिस्थिति में किसी के पक्ष में मतदान नहीं करेंगे.