-
लाउडस्पीकर के अनूठे प्रयोग से गांव के विकास को गति दी
रांची: झारखंड में बारिश के मौसम में मच्छरजनित कई बीमारियों का प्रकोप बढ़ जाता है, लेकिन रांची के आरा-केरम गांव ने स्वच्छता के क्षेत्र में अनुकरणी उदाहरण पेश किया है. ग्रामीणों के अथक प्रयास से यह गांव करीब-करीब मच्छर मुक्त हो गया है.
जलजमाव के सारे स्त्रोत बंद-
साफ सफाई और दूषित जल के उचित प्रबंधन के कारण आरा केरम गांव मच्छरों से लगभग मुक्त हो गया है. गांव की सारी नालियों को ढंक दिया गया है और जलजमाव के सारे स्त्रोत बंद कर दिए गए हैं, जिसका परिणाम है कि मच्छरों को पनपने का मौका ही नहीं मिलता.
ग्रामीणों के इस प्रयास का परिणाम भी उत्साह बढ़ाने वाला है. गांव में अब कोई भी मच्छर जनित रोग से बीमार नहीं पड़ता. नशामुक्त गांव के रूप में आरा केरम की पहचान पहले से ही है.
अब इस अनूठे प्रयास ने इस गांव को फिर से चर्चा में ला दिया है. ग्रामीणों ने स्वच्छता की परिकल्पना को जिस तरह सच कर दिखाया है, वह काबिले-तारीफ है.
लाउडस्पीकर के अनूठे प्रयोग से गांव के विकास को गति दी-
राजधानी रांची से करीब 30 किमी दूर आरा केरम के ग्रामीणों ने लाउडस्पीकर के अनूठे प्रयोग से गांव के विकास को गति दी है. लाउडस्पीकर के जरिए कोई भी सूचना ग्रामीणों तक बिजली की गति से पहुंच जाती है.
आरा केरम के चौराहे पर पेड़ से बंधा यह लाउडस्पीकर शादी-ब्याह या किसी धार्मिक आयोजन के लिए नहीं है, बल्कि यह ग्रामीणों को त्वरित सूचना देने के लिए है.
ग्रामसभा हो, श्रमदान करना हो या फिर कोई शोक संदेश.. ग्रामीणों तक इसकी सूचना पलक झपकते पहुंच जाती है और तत्काल ग्रामीण इकट्ठा हो जाते हैं.
लाउडस्पीकर के बेहतरीन इस्तेमाल से एक ओर जहां समय की बचत हो रही है… वहीं बच्चों की शिक्षा हो, घरेलू कामकाज या फिर सामाजिक सरोकार.. सभी में तेजी और नवीनता आ गई है.
पीएम मोदी भी कर चुके है गांव की प्रशंसा-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आकाशवाणी से मन की बात कार्यक्रम में आरा-केरम गांव में जल संचयन, जैविक खेती और नशामुक्त मुक्ति को लेकर ग्रामीणों द्वारा किये गये सामूहिक प्रयास की सराहना कर चुके है.