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डिप्रेशन ना पाले: अच्छी पत्र-पत्रिकाएं पढ़ें, पूजन पाठ में समय बिताएं; घर में ही रहे
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रिटायर्ड पुलिस अफसर कोरोना की जंग में शामिल; अस्पताल और होटल सरकार को दिए
कोरोना महामारी से निपटने के लिए समाजसेवियों के अलावा सेवानिवृत्त पुलिस अफसर भी मैदान में है, ऐसे ही एक पुलिस अफसर है अशोक भदौरिया.
कभी सागर के मोतीनगर थाने में टीआई रहे ग्वालियर चंबल अंचल मैं एनकाउंटर स्पेशलिस्ट माने जाने वाले अशोक भदौरिया ने 100 से ज्यादा डकैतों का खात्मा कर शासन से आउट ऑफ प्रमोशन पाकर सीएसपी का पद हासिल किया था .
कोरोनावायरस पर भदौरिया ने बताया इससे पहले भी कई प्रकार की महामारी हुई है, लेकिन यह महामारी अदृश्य है
इसमें दुश्मन सामने नहीं है सुरक्षा ही इसका बचाव है उन्होंने साफ सफाई पर विशेष ध्यान देने के अलावा इस मुसीबत की घड़ी में जरूरतमंदों की मदद करने का संदेश दिया है .
कोरोना से जंग में अपने योगदान के बारे में भदौरिया ने बताया ग्वालियर में मैंने अपने दोनों हॉस्पिटल अमलतास और इंडेक्स मेडिकल हॉस्पिटल इन दिनों सरकार के लिए दे दिए हैं .
इन हॉस्पिटल में एक ग्यारह सौ का तथा दूसरा 600 बिस्तर का अस्पताल है, इसके अलावा अमलतास होटल और मयंक रिसोर्ट भी कोरोना की जंग से लड़ रहे वारियर्स डॉक्टर-अफसरों को ठहरने के लिए दे दिए हैं .
उन्होंने बताया सामाजिक कार्यकर्ताओं की हमारी टीम मुसीबत में फंसे लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने के अलावा जरूरतमंदों को राशन और भोजन की व्यवस्था कर रही है .
उन्होंने लोगों से भी आव्हान किया गरीबों पर तो सभी की नजर रहती है ; लेकिन अपने आसपास भी नजर डालें जो मध्यमवर्गीय लोग हैं वे भी इन दिनों आर्थिक रूप से परेशान हैं लेकिन शर्म के कारण अपना दुख बयां नहीं कर पा रहे हैं ऐसे लोगों की पहचान कर उनकी भी मदद करें.
लॉक डाउन के दौरान आप अपना समय कैसे बिता रहे हैं? के सवाल पर भदौरिया ने कहा- दिन भर घर में रहते हैं . सुबह 2 घंटे और शाम को 2 घंटे हमारा नाती हमें लूडो सिखा रहा है .
सूर्य अस्त होने के बाद हमारी पत्नी सभी सदस्यों को एक साथ बिठाकर भजन-पूजन; हनुमान चालीसा पाठ आदि कराती हैं! परिवार के एक साथ रहने से पॉजिटिव एनर्जी भी आती है.
इस मुसीबत में धैर्य का धारण करें
उन्होंने लोगों को संदेश दिया की इस मुसीबत की घड़ी में धैर्य का धारण करें! हर रात के बाद सुबह आती है . यह उम्मीद लेकर इस संकट की घड़ी में एक दूसरे का साथ दें और घबराए नहीं .जो लोग भविष्य की चिंता कर डिप्रेशन या अवसाद में जा रहे हैं उनको मेरा संदेश है -घबराए नहीं भगवान सब ठीक करेगा क्योंकि रामायण में भी लिखा है -हुई है वही जो राम रचि राखा…
डिप्रेशन से बचने का तरीका यह भी है आप सोशल मीडिया; टीवी या कोरोना से जुड़े समाचारों पर ज्यादा गहराई से ना सोचे. अच्छी-अच्छी पत्र पत्रिकाएं
पढ़ें ; रामायण-महाभारत जैसे धार्मिक सीरियल देखें . परिवार के साथ समय बिताएं. सत्संग और पूजन पाठ में ज्यादा समय देने से लोग डिप्रेशन का शिकार होने से बचेंगे. भदौरिया ने कहा यह देश पर संकट की घड़ी है . सभी एक दूसरे का साथ दे ; धैर्य रखें. मालूम हो अशोक सिंह भदौरिया का सागर से गहरा नाता है.