रांची: वायरल ऑडियो मामले में अब डैमेज कंट्रोल करने की बात चलनी शुरू हो गई है। नेता, नेताओ के P.A और मीडिया हाउसेस के बीच मीटिंग का दौर जारी है।
खबर है कि एक महिला नेता अपने बॉडीगार्ड, P.A और एक अन्य नेता के PA समेत एक वेब पोर्टल मीडिया हाउस के आफिस में खास मीटिंग की गई है, वहीं से बाकी मीडिया को भी मैनेज करने की बात कही जा रही है। उक्त वायरल ऑडियो मामले में संबंधित नेता से अब तक कोई बयान नहीं आया है लेकिन अब खबरों को यहीं रोकने की बात कही जा रही है।
आपको बता दें कि उक्त मीडिया हाउस से BNN BHARAT को भी कॉल आया की हमें आपसी सहमति से खबर को यही तक रहने देने का प्रयास किया जाना चाहिए। लेकिन BNN BHARAT हमेशा से सच के साथ रहा है और आगे रहेगा। लेकिन बड़े ही शर्म की बात है कि कुछ मीडिया हाउस या तो पहले से मैनेज्ड हैं या फिर खबर लगने के बाद मैनेज हो जाते है। हमारे साथ भी यही प्रयाश किया गया था, उस एक मीडिया हाउस ने सभी मीडिया हाउस को मैनेज करने का ठीका कैसे ले लिया। कैसे कोई मीडिया हाउस यह सोच सकता है कि BNN BHARAT को मैनेज किया जा सकता है। हम सच के साथ समझौता नहीं कर सकते।
सियासी हलचल तेज
बता दें कि सियासी गलियारे में हलचल तेज है। मामला सभी पार्टियों के हाई कमान तक पहुच चुकी है। अब इस प्रकरण में जांच एजेंसी भी अपनी दस्तक दे चुकी है। 1-2 करोड़ की फंडिंग। मंत्री बनाने की बात। पार्टी बनाने की बात कुल मिलाकर समीक्षा करें तो सरकार के ही खिलाफ गहरी साजिश की बू आ रही है। जांच के घेरे में छोटे कद से लेकर बड़े बड़े दिग्गज नेता मंत्रियों समेत कई अधिकारियों की संलिप्तता भी हो सकती है। यह मामला राज्य, देश और लोकतंत्र की सुरक्षा का सवाल है। न तो केंद्र सरकार और न ही राज्य सरकार चुप बैठेगी।
परिस्थितियां कर रही कुछ इशारा
25 दिसंबर को वायरल ऑडियो मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी ने जब जेल में बंद एक मंत्री से पूछताछ की तब इससे तो काफी हद तक यही इशारा हो रहा था कि हो न हो यह वायरल ऑडियो टेरर फंडिंग मामले में जेल में बंद कांग्रेस के पूर्व मंत्री का ही है। इसके बाद फिर एक और ऑडियो वायरल होता है, इस ऑडियो में भी वैसी ही आवाज रहती है। इसकी पुष्टि BNN BHARAT नहीं करता है की यह किसकी आवाज थी। लेकिन इस खबर और ऑडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जिस तरह से सियासी हलचल दिख रही है, जिस तरह से मीडिया हाउसेस और नेताओं का लगातार मीटिंग की जा रही है इससे तो यही लगता है कि सचमुच दाल में कुछ तो काला है।