मुंबई : मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह बुधवार को रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के आवास के बाहर विस्फोटक से लदी एसयूवी के मामले में पहली बार राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के समक्ष पेश हुए. इस मामले में व्यवसायी मनसुख हीरेन की रहस्यमय तरीके से मौत होने के बाद इस मामले ने नया मोड़ ले लिया था. सिंह बुधवार सुबह यहां एनआईए कार्यालय पहुंचे. वह सीधे आतंकवाद-रोधी जांच एजेंसी के दफ्तर के अंदर पहुंचे.
एनआईए के सूत्रों के मुताबिक, सिंह से इस साल 25 फरवरी को एंटीलिया के बाहर मिली विस्फोटक लदी एसयूवी के संबंध में पूछताछ की जाएगी. इसके पहले एनआईए निलंबित क्राइम ब्रांच के पुलिस अधिकारी सचिन वजे सहित कई लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है.एनआईए इसके पहले वाजे द्वारा उपयोग किए गए कई वाहनों को जब्त कर चुकी है और यहां एक नदी से कई सामान भी बरामद कर चुकी है.
गौरतलब है कि परम बीर सिंह ने 25 मार्च को दाखिल अपनी याचिका में देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की थी. उन्होंने दावा किया था कि देशमुख ने निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे समेत अन्य अधिकारियों से बार एवं रेस्तराओं से 100 करोड़ रुपये की वसूली करने को कहा था. देशमुख ने इन आरोपों से इनकार किया है.
वहीं महाराष्ट्र सरकार और उसके पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने उनके खिलाफ पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की सीबीआई से प्रारंभिक जांच कराने के बंबई उच्च न्यायालय के आदेश को मंगलवार को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी. महाराष्ट्र के स्थायी अधिवक्ता सचिन पाटिल ने कहा, “हमने बंबई उच्च न्यायालय के कल के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार की ओर से एक याचिका दायर की है.” देशमुख के वकील सुधांशु एस चौधरी ने कहा कि उन्होंने भी उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है.