उत्तर प्रदेश: मथुरा को मीठा पानी उपलब्ध कराने एवं लगातार नीचे गिरते जा रहे भू-गर्भ जल को ऊपर लाने के लिए यमुना के किनारे के 10 किलोमीटर इलाके को वाटर बफर जोन बनाया जाएगा. जिलाधिकारी ने इसकी जानकारी दी.
जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्र ने बताया, ‘जलशक्ति अभियान के तहत की बुलाई गई बैठक में जिले में पानी की स्थिति के संबंध में सेटेलाइट निगरानी के आधार पर तैयार की गई रिपोर्ट प्रस्तुत की गई.
जिसके बाद तय किया गया कि नौहझील, मांट, राया, बलदेव, मथुरा, फरह, चैमुहां व छाता ब्लॉक से गुजर रही यमुना के दोनों ओर पांच-पांच किलोमीटर इलाके के गांवों में वाटर बफर जोन बनाए जाऐंगे.
इस बैठक में ग्राम्य विकास विभाग व जर्मन इण्डिया कॉरर्पोशन की सलाहकार किरन पाड़ी विशेष रूप से उपस्थित रहीं.’
उन्होंने बताया कि गांवों में स्थित 332 बड़े तालाबों की गहरी खुदाई कराकर वर्षाजल से भरा जाएगा तथा 21 स्थानों पर बड़ी झील व डैम बनाकर जल संग्रह किया जाएगा.
जिलाधिकारी ने बताया, ‘इनके अलावा जिले में 2354 स्थानों पर बने तालाबों को चिह्नित कर उनकी खुदाई कराने व मीठे पानी से भरे जाने को लेकर 4,500 किलोमीटर लंबाई की पक्की गूल बनाई जाएंगी. जिससे उपरोक्त तालाबों तक आसानी से पानी उपलब्ध कराया जा सके. इस प्रकार मीठे पानी का बफर जोन बनाए जाने से क्षेत्र में खारे पानी की समस्या पर काबू पाने तथा जलस्तर को ऊपर उठाने में खासी मदद मिलेगी.’