ग्वालियर: ग्वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र में लोकार्पण व भूमि पूजन समारोह के दौरान राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाषण का अंश सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. शनिवार को आयोजित समारोह में सिंधिया कह रहे हैं, ‘मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि आज शिवराज सिंह कहें कि मैं 10 दिन में या 10 महीने में ये करके दिखाऊंगा, नहीं तो मैं अपना त्यागपत्र दूंगा. मैं दावे-गारंटी के साथ कह रहा हूं कि या तो ये कर के दिखाएंगे या कुर्सी छोड़ देंगे. जिंदगी में एक ही चीज प्यारी है. जान जाए पर वचन न जाए.
सिंधिया यह बात कर्जमाफी को लेकर कांग्रेस की वादाखिलाफी के संदर्भ में कह रहे थे. उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस ने कहा था कि 10 दिन में किसानों का कर्ज माफ होगा अन्यथा सीएम बदल दिया जाएगा. आपका मुखिया होने के नाते मैंने केवल 10 दिन ही नहीं, 10 महीने इंतजार किया, लेकिन वादा पूरा नहीं हुआ. इसके बाद क्या हुआ सब जानते हैं.’ सिंधिया के इस भाषषण के सोशल मीडिया पर अलग-अलग राजनीतिक आशय निकाले जा रहे हैं.
शनिवार को ट्विटर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लिखा कि हम जमीनी कार्यकर्ता हैं और अपनी धरती मां से जु़ड़कर कार्य करने वालों में से हैं. हमें अपनी माटी, अपनी जनता के उज्ज्वल भविष्य की चिंता है और यदि उसके लिए हमें कुर्सी भी त्याग करनी पड़े तो पीछे नहीं हटेंगे.
उन्होंने कमल नाथ और दिग्विजय सिंह पर निशाना साधा और कहा कि इन लोगों ने बेरोजगारी भत्ते के नाम पर हमारी युवा पीढ़ी के साथ छल किया है. उनके सपनों को, उनकी आशाओं को इन लोगों ने अपने स्वार्थ के लिए कुचल दिया.