सुरूर रज़ा,
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जिंदगी और जानमाल को बचाने में बेखौफ अपनी जिम्मेदारियां निभाता है अग्निशमन विभाग
रांची: आग की तेज लपटें और उनके बीच किसी के उजड़ते आशियाने को बचाने का जज्बा इनमें देखने को मिलता है. ये लोग हर दिन आग से खेलने का काम करते हैं. इस खतरनाक काम को अंजाम देने में इन्हें अपनी जान की भी फिक्र नहीं होती.
फिक्र केवल उस जलते मंजर या फिर धधकती जिंदगी को बचाने की. आग लगने की खबर सुनते ही घटनास्थल की ओर दौड़ पड़ते हैं. जी हां मैं अग्निशमन विभाग की ही बात कर रहा हूं. जो अपनी जान पर खेलकर आपको और आपकी जानमाल की रक्षा करते हैं.
अग्निशमन विभाग किस तरह से लोगों की जान बचाता है और इसके काम करने का क्या तरीका है. इन सब मुद्दों पर गुरुवार को बीएनएन भारत ने अग्निशमन विभाग के फायर स्टेशन ऑफिसर गोपाल यादव से विस्तार से बातचीत की.
आग लगने पर ऐसे काम करता है अग्निशमन विभाग:
यादव ने बताया कि जब कभी भी कहीं आग लगती है तो वैसी स्थिति में अग्निशमन विभाग के पास इस बारे में मैसेज रिसीव हो जाता है. कहां आग लगी है इस बारे में सूचना मिल जाती है. सबसे पहला काम होता है कि घटना वाले स्थान का लोकेशन ट्रेस करना.
स्थान ट्रेस होते ही दमकल की गाड़ियां भेजी जाती हैं. सबसे पहले छह पुलिस कर्मियों को भेजा जाता है. जिससे तत्काल आग पर काबू पाया जा सके. घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस कर्मियों की संख्या घटायी या बढ़ायी जा सकती है.
अग्निशमन विभाग में कुल 10 गाड़ियां हैं:
डोरंडा स्थित अग्निशमन विभाग की बात करें तो फिलहाल, यहां पर अग्निशमन की कुल 10 गाड़ियां हैं. जिनमे फायर टेंडर की 6 गाड़ियां हैं जिसमें सिर्फ पानी भरा हुआ रहता है, जो आग की लपटों को कम करने में काम आती हैं.
इसके अलावा एक गाड़ी फोम टेंडर की है जिसमें सिर्फ फोम भरा हुआ होता है. साथी ही एक गाड़ी और होती है जिसे मिनी वाटर टेंडर कहते हैं.
रेस्क्यू टीम भी होती है:
यादव ने बताया कि यदि आग लगने के बाद कोई हादसा हो जाए तो उसके लिए भी फायर ब्रिगेड पूरी तरह से तैयार खड़ा है. ऑफिस में एक एंबुलेंस है जो इमरजेंसी में काम करती है, इसके साथ-साथ एक रेस्क्यू टीम की गाड़ी भी है जो रेस्क्यू में लोगों को मदद करती है और उनकी जान बचाती है.
मॉक ड्रिल का है अहम रोल:
अग्निशमन विभाग में मॉक ड्रिल का भी अहम रोल है. इसके जरिये उपकरणों में होने वाली कमियों को सुधारा जाता है. समय-समय पर अधिकारियों द्वारा निरीक्षण भी किया जाता है. किस तरह से कार्य करना है पुलिस कर्मियों को बताया जाता है.
अगर कहीं आग के लगने से धुआं हो जाता है तो उस वक्त वह फंसे लोगों को किस प्रकार बचाया जाये, साथ ही अगर कभी हाई रेंज बिल्डिंग में आग लग जाये तो किस तरह कार्य किया जाए, इन तमाम बातों की जानकारी दी जाती है.
हाइड्रॉलिक प्लेकटफॉर्म एरियर लैडर का होता है खास काम:
यादव ने जानकारी दी कि अगर कभी किसी गगनचुंबी इमारत में आग लग जाए तो उसके लिए भी अग्निशमन विभाग के पास हाइड्रोलिक प्लेटफार्म एरियर लैडर है.
यह लैडर हाई रेंज बिल्डिंग पर आग काबू करने के काम आता है. साथ ही यह लैडर आगजनी के कारण इमारत में फंसे लोगों को बचाने के काम आता है.
फोम का क्या है इस्तेमाल:
अग्निशमन विभाग ना सिर्फ पानी का उपयोग करता है बल्कि कुछ जगह पर फोम से भी आग की लपटों को बुझाने में काम आता है. जब कभी भी ऑयली फायर होता है तब फोम का इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि यह फोम स्मूथरिंग का काम करता है.
एलपीजी के रिसाव से आग लगने के मामले आ रहे हैं:
यादव ने बताया कि आजकल एलपीजी के रिसाव से आग लगने के मामले आ रहे हैं. उन्होंने लोगों से अपील की है कि सुनिश्चित करें कि कहीं घर में एलपीजी से लीकेज या रेगुलेटर में कुछ खराबी तो नहीं और अगर कभी भी लीकेज हो तो सारी खिड़कियां खोल दें.
अपने सिलेंडर को टेरिस पर ले जाकर रख दें और अगर आग लगती है तो उस पर बालू या भीगा हुआ कंबल डालने की कोशिश करें.
बरतें सावधानियां:
- अपने घरों के किचन और रूम में फायर एक्सटिंग्विशर जरूर रखें.
- सार्वजनिक जगहों पर भी फायर एक्सटिंग्विशर का इस्तेमाल करना अनिवार्य है.
- कहीं भी हाई रेंज बिलडिंग हो तो वहां पर फायर फाइटिंग इंस्ट्रूमेंट जरूर इंस्टॉल करवाएं.