नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और केरल की वायनाड लोकसभा सीट से सांसद राहुल गांधी ने मंगलवार को एक बार फिर कृषि संबंधी कानूनों को लेकर सरकार पर हमला बोला और कहा कि भारत के भविष्य के लिए इन कानूनों का विरोध करना होगा. राहुल गांधी ने किसानों के साथ डिजिटल बातचीत के दौरान यह भी दावा किया कि नोटबंदी और जीएसटी की तरह, इन कानूनों का उद्देश्य किसानों और श्रमिकों को कमजोर करना भी है.
इस डिजिटल संवाद में, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, बिहार और कई अन्य राज्यों के किसानों ने इन कानूनों के बारे में बताया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राहुल ने दावा किया, “यह विमुद्रीकरण के समय कहा गया था कि यह काले धन के खिलाफ युद्ध है.” यह सब झूठ था. इसका उद्देश्य किसान-मजदूर को कमजोर करना था. इसके बाद जीएसटी का वही लक्ष्य था. “उन्होंने कहा,” कोरोना महामारी के दौरान, किसानों, श्रमिकों और गरीबों को पैसा नहीं दिया गया था. केवल कुछ सबसे बड़े उद्योगपतियों को पैसा दिया गया था. कोरोना के दौरान, इन उद्योगपतियों की आय में वृद्धि हुई और किसानों की आय में कमी आई. उसके बाद भी उन्हें पैसे दिए गए. ”
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि इन तीन कानूनों और नोटबंदी और जीएसटी में बहुत अंतर नहीं है. फर्क सिर्फ इतना है कि कुल्हाड़ी को पहले आपके पैर में और अब सीने में चाकू से वार किया गया था. राहुल गांधी ने आगे कहा, ‘मेरा मानना है कि इन कानूनों का विरोध देश के भविष्य के लिए करना होगा, किसानों के लिए नहीं.’