नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी के कारण लोगों का जीवन प्रभावित हुआ है. तालाबंदी के कारण लाखों लोग बेरोजगार हो गए हैं. फिर भी, लोगों को परिवार को बनाए रखने के लिए बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है. इसी बीच असम से एक ऐसा मामला सामने आया है जो आपको हैरान कर सकता है.
मामला असम के कोकराझार का है, जहां कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण एक प्रवासी मजदूर की नौकरी चली गई. इसके बाद, आर्थिक तंगी के कारण, परिवार को जीना मुश्किल लगने लगा, जिसके बाद उसने अपनी चार महीने की बच्ची को बेच दिया. फिलहाल पुलिस ने लड़की को बचाकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.
यह घटना असम के कोकराझार के तोंतुला मंदारियागाँव में हुई. दीपक ब्रह्मा एक प्रवासी मजदूर हैं. तालाबंदी से पहले गुजरात में किसने काम किया. लेकिन तालाबंदी लागू होने के कारण वह बेरोजगार हो गया. उसके पास जितने भी पैसे थे, सब लेकर वह अपने गाँव असम पहुँच गया. लेकिन पैसे की कमी के कारण परिवार के भरण-पोषण में समस्या आ रही थी.
आर्थिक तंगी के कारण परिवार परेशान था. ऐसे में प्रवासी मजदूर दीपक ने अपनी चार महीने की बच्ची को बेचने का फैसला किया और उसे 45 हजार रुपये में बेच दिया. हालांकि, ग्रामीणों से जानकारी मिलने के बाद, कोकराझार पुलिस और एक एनजीओ ने लड़की को एक साथ छुड़ाया है और लड़की के माता-पिता के साथ पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
इस मामले में, परिवार का कहना है कि पैसे और नौकरी के बिना परिवार को बनाए रखना मुश्किल था. ऐसे में उनके पास बच्ची को बेचने के अलावा कोई चारा नहीं था.