दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने देश की अर्थव्यवस्था को लेकर बड़ी बात कही है जो चिंताजनक है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था में सुधार कब और कैसे होगा, इस पर अभी कुछ कहना मुश्किल है. ये बात उन्होंने उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के एक कार्यक्रम में उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए कही.
सीआईआई की नेशनल काउंसिल में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने उद्योग जगत को आश्वासन दिया कि केंद्रीय बैंक आर्थिक स्थिति पर नजर रखे हुए है और वह जरूरत पड़ने पर उपयुक्त कदम उठाने से नहीं झिझकेगा.
उन्होंने कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिये बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश बढ़ाने पर खास जोर दिया. दास ने कहा कि नीति आयोग के मुताबिक देश को 2030 तक बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश के लिये 4500 अरब डॉलर की जरूरत होगी.
शक्तिकांत दास ने कहा कि बुनियादी ढांचा क्षेत्र की वृहत परियोजनाओं में बड़े निवेश की आवश्यकता है. इससे अर्थव्यवस्था को गति मिल सकती है जैसा कि पूर्व में स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना में देखने को मिला था.
शक्तिकांत दास ने कहा, ”यह उत्तर-दक्षिण और पूर्व-पश्चिम एक्सप्रेसवे के साथ उच्च गति के रेल गलियारों के साथ शुरू हो सकता है. इससे संबद्ध अर्थव्यवस्था के कई अन्य क्षेत्रों और रेल/सड़क नेटवर्क के आसपास के इलाकों को लाभ होगा. हमारे बुनियादी ढांचा निवेश के वित्त पोषण में सार्वजनिक और निजी निवेश दोनों महत्वपूर्ण होंगे.”
ढांचागत परियोजनाओं की फंडिंग के बारे में उन्होंने कहा कि बैंकों के इस क्षेत्र को दिये गये कर्ज से संबद्ध एनपीए (नॉन पर्फॉर्मिंग ऐसेट) उच्च स्तर पर बने हुए हैं. ऐसे में वित्त पोषण विकल्पों को विविध रूप देने की जरूरत है.