कोलकाता. बॉलीवुड अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती बंगाल चुनाव 2021 से ठीक पहले बीजेपी में शामिल हो गए थे. लेकिन मिथुन चक्रवर्ती इससे पहले ममता बनर्जी के करीबी रह चुके हैं. वो 2014 में टीएमसी की तरफ से राज्यसभा सांसद बने थे लेकिन जब 2015- 2016 के शारदा चिटफंड घोटाले में उनका नाम आया तो उन्होंने दिसंबर 2016 में राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था. मिथुन चक्रवर्ती ने हाल ही में वरिष्ठ पत्रकार प्रभु चावला को बताया कि जब उन्हें पता चला कि पैसा गरीबों का है तो उन्होंने उसे लौटा दिया.
आज तक के शो, ‘सीधी बात’ में प्रभु चावला ने जब शारदा घोटाला मामले में उनसे सवाल पूछा तो उनका कहना था, ‘ed ने मुझसे सवाल पूछा था.
मैं एक चैनल में आप ही की तरह एक शो करता था. उसके पैसे का स्रोत गलत निकला तो उस पर मुझसे सवाल किया गया था, कोई केस नहीं. मैंने सब कुछ दे दिया था. जब मुझे मालूम चला कि पैसा सही ढंग से नहीं आया, गरीबों का पैसा है, उनके घर बर्बाद हो गए तो मैंने तुरंत सब पैसा दे दिया.’
मिथुन चक्रवर्ती ने आगे कहा, ‘मैंने कहा कि उन पैसों से मैं अपने बच्चों को बड़ा नहीं करूंगा, मां- बाप की सेवा नहीं करूंगा. ये गलत पैसा है इसलिए मैंने वापस कर दिया. उसके बाद मुझे ed ने नहीं बल्कि कोर्ट ने क्लीन चिट दिया था.’ प्रभु चावला ने उनसे कहा, ‘मैं कह रहा हूं कि आप तो क्लीन थे इसलिए निकल गए, आपने पैसा भी वापस कर दिया.’
उनकी इस बात पर मिथुन चक्रवर्ती बोले, ‘निकल गए मतलब? निकल गया नहीं सर. मेरे ऊपर उन्होंने कुछ थोपा नहीं था.’ आपको बता दें कि शारदा चिट फंड घोटाले में मिथुन चक्रवर्ती पर 2 करोड़ रुपए लेने का आरोप लगा था. मिथुन शारदा ग्रुप के एक मीडिया इकाई के ब्रांड एंबेसडर थे. जब इस घोटाले में उनका नाम आया था तब उन्होंने 1.19 करोड़ रुपया प्रवर्तन निदेशालय (ed) को लौटा दिए थे.
2015-16 में सामने आए इस घोटाले में शारदा समूह की चार कंपनियों का इस्तेमाल कर तीन स्कीमों के जरिए पैसे की हेर- फेर की गई. फिक्स्ड डिपॉजिट, रिकरिंग डिपॉजिट और मंथली इनकम डिपॉजिट के स्कीम के तहत हजारों निवेशकों के पैसों का घोटाला हुआ. मिथुन चक्रवर्ती सहित तृणमूल कांग्रेस के कई नेताओं और सांसदों का नाम इसमें सामने आया था.