झारखंड : हम भारतीय व्यवस्था पर विश्वास करते है, लेकिन अभी-अभी रिचा पटेल को रांची हाईकोर्ट के न्यायधीश मनीष कुमार ने कुरान बांटने का आदेश दे डाला. क्या यह आदेश रिचा के धार्मिक भावना को ठेस नहीं पहुंचाया, क्या यह रिचा के हिंदू होने के साथ-साथ हिंदुत्व पर एक भद्दा मजाक नहीं है, क्या यह दुनिया के सभी हिंदुओं का अपमान नहीं है, क्या धार्मिक भावनाएं सिर्फ अल्पसंख्यकों में ही होती है.
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जाने क्या है पूरा मामला :
12 जूलाई को रिचा पटेल ने अपने फेसबुक वॉल पर एक विवादित पोस्ट की जिसको लेकर सदर अंजुमन कमेटी ने रिचा के खिलाफ 12 जूलाई को ही एक प्राथमिकी दर्ज कराई. जिसमें कहा कि रिचा के पोस्ट से सांप्रदायिक तनाव भड़क सकता है. और इस पर न्यायधीश मनीष कुमार सिंह ने रिचा को कुरान कि 5 प्रति 15 दिनों के अंदर बाटने का फरमान जारी कर दिया.
हालांकि रिचा इसके लिए अब सुप्रीमकोर्ट का रुख कर रहीं है, और रांची के सभी वकीलों ने उक्त न्यायधीश का वहिष्कार भी कर दिया है. लेकिन क्या ये वहिष्कार से समस्या का समाधान हो जाएगा, या यूं कहें कि क्या इससे रिचा के साथ-साथ सभी हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं की भरपाई हो जाएगी.
ऐसा आदेश देकर रांची हाईकोर्ट ने एक नया मामला खड़ा कर दिया है, एक धार्मिक तनाव पैदा कर दिया है.
ये लेखक के निजी विचार है