दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एहतियात के तौर पर कई देशों में Covid-19 के संभावित उपचार के रूप में हाइड्रॉक्सी क्लोरिक्विन के नैदानिक परीक्षणों को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया था. संगठन के प्रमुख टेड्रोस एधनोम घेब्रेयेसस ने सोमवार एक ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि द लैंसेट में एक अध्ययन के प्रकाशन के बाद यह फैसला दिया गया है. अध्ययन में संकेत दिए गए थे कि Covid-19 रोगियों पर एंटी- मलेरिया दवा का इस्तेमाल करने से उनके मरने की आशंका बढ़ सकती है.
टेड्रोस ने कहा कि तथाकथित सॉलिडैरिटी ट्रायल के कार्यकारी समूह ने एहतियातन उस दवा का परीक्षण निलंबित कर दिया है. इस कार्यकारी समूह को कई देशों के सैकड़ों अस्पतालों ने रोगियों को कोरोना वायरस के लिए कई संभावित उपचारों का परीक्षण करने के लिए नामांकित किया है. एक मौका यह भी था कि यदि पहली लहर को रोकने के उपायों को भी जल्द ही हटा लिया गया, तो संक्रमण की दर फिर से तेजी से बढ़ सकती है.
उन्होंने जोर देकर कहा कि अन्य दवाओं का परीक्षण जारी है. हाइड्रॉक्सी क्लोरिक्विन का इस्तेमाल आमतौर पर गठिया का इलाज करने के लिए किया जाता है, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सहित बड़ी शख्सियतों ने घोषणा की है कि वे यह दवा ले रहे हैं. लिहाजा, कई देशों की सरकारें इस दवा को खरीदने के लिए प्रेरित हुई हैं. ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्री ने पिछले हफ्ते भी Covid-19 के कम गंभीर मामलों में भी हाइड्रॉक्सी क्लोरिक्विन के साथ-साथ मलेरिया-रोधी क्लोरोक्विन का उपयोग करने की सिफारिश की थी.
लैंसेट अध्ययन में पाया गया कि दोनों दवाएं संभावित गंभीर दुष्प्रभाव पैदा कर सकती हैं, विशेष रूप से दिल की बीमारी. लैंसेट के एक अध्ययन के अनुसार, सैकड़ों अस्पतालों में 96,000 रोगियों के रिकॉर्ड को देखने के बाद पाया गया कि दिल की बामारी के साथ ही दोनों दवाओं से अस्पताल में भर्ती COVID-19 के रोगियों को कोई लाभ नहीं हुआ.