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अप्रैल माह से तैयार खड़ा है रांची रेलवे का कोविड ट्रेन
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कुल आठ कोच में 480 बेड उपलब्ध हैं
रांची: झारखंड में कोरोना संक्रमण (coronavirus) का आंकडृृा दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है. थमने का नाम नहीं ले रहा है. ऐसे में रांची जिला प्रशासन एसिम्पोटोमैटिक यानी बिना लक्षण वाले मरीजों को रखने के लिए सरकारी भवनों से लेकर पेड कोविड केयर सेंटर तैयार कर रही है. हाल ही में रांची उपायुक्त ने अस्पतालों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर होटलों में आइसोलेशन सेंटर बनाने का निर्देश दिया था. इस निर्देश पर गुरुनानक हॉस्पिटल, देवकमल, मेडिका ने होटलों में पेड कोविड केयर सेंटर शुरू भी कर दिया है. हालांकि इनका प्रतिदिन का किराया 2400 से 4000 रुपए है, जो एक आम आदमी के बस की बात नहीं.
वहीं, दूसरी ओर रांची रेलवे स्टेशन में महिनों से कोविड ट्रेन तैयार खड़ी है. पर सरकार का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है. कोविड-19 को लेकर रेलवे की ओर से आठ कोच आइसोलेशन सेंटर के तौर पर तैयार खड़ी है. एक कोच में आठ बेड हैं. यानि 480 बेड की कोविड ट्रेन तैयार खड़ी है. यह कोविड ट्रेन पिछले अप्रैल माह से खड़ी है. पर आज तक इसका इस्तेमाल नहीं हो पाया है.
जानकारी के अनुसार रेलवे का दावा है कि अगर सरकार चाहे तो दो घंटे के अंदर कोविड ट्रेन हैंड ओवर कर दिया जाएगा. ट्रेन में ऑक्सीजन सिलेंडर की भी व्यवस्था है. अगर ट्रेन का उपयोग शुरू हो जाए तो बिना लक्षण वाले कोरोना मरीजों को हजारों रुपए खर्च कर पेड कोविड केयर में नहीं रहना पड़ेगा.
बताया जाता है कि जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा दो बार कोविड ट्रेन का निरीक्षण भी किया गया. पर इसके इस्तेमाल के बारे में अभी तक प्रशासन की ओर से कोई दिशा-निर्देश नहीं आया है.
क्या कहते हैं रांची रेल डिवीजन के सीपीआरओ नीरज कुमार:
रांची रेल डिविजन के सीपीआरओ नीरज कुमार का कहना है कि अप्रैल माह से ही कोविड ट्रेन तैयार खड़ी है. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने निरीक्षण भी किया था. रेलवे की ओर से तैयारी पूरी है. प्रशासन को जब जरूरत पड़ेगी ट्रेन उपलब्ध करा दी जाएगी.