रांची: पांच दिवसीय विशेष मध्यस्थता अभियान के दूसरे दिन मंगलवार को परिवार न्यायालय एवं विभिन्न न्यायालयों से 34 मामले अग्रसारित होकर मध्यस्थता केन्द्र में आये. उन्हें भिन्न-भिन्न मध्यस्थ को सुपुर्द किया गया, जिनमें 14 मामलों में सफलता मिली. दोनों पक्ष राजी-खुशी से अपने मामले को समाप्त करने के लिए तैयार हो गये. अन्य मामलों में अभी अंतिम स्तर की बातचीत बाकी है, इसलिए वे मामले विशेष मध्यस्थ के पास अगले स्तर के सुनवाई के लिए लंबित है.
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रांची मध्यस्थता केंद्र में मध्यस्थता के दौरान निस्तारित होने वाले मामलों में एक मामला प्रमुख रहा. रांची के कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश के न्यायालय से (वाद संख्या ओ.एम. 397/2019) को मध्यस्थता केंद्र में भेजा गया था. इसमें 16 मार्च और 17 मार्च को मध्यस्थ एल के गिरि के द्वारा मध्यस्थता के दौरान दोनों पक्षों से बातें की गयी. दोनों पक्ष साथ-साथ फिर से रहने के लिए एकमत हुए.
पत्नी द्वारा दायर ओ.एम 397/2019 और पति द्वारा सासाराम में दायर एम.टी.एस. 213/2019 को अगली तिथि पर वाद को वापस ले लिया जायेगा. दोनों पति-पत्नी अपने पुत्र के साथ दाम्पत्य जीवन खुशी से निर्वाह करेंगे.
झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायधीश डॉ. रवि रंजन, झालसा के कार्यपालक अध्यक्ष न्यायधीश हरिशचंद्र मिश्रा, उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष न्यायधीश अपरेश कुमार सिंह के निर्देश पर मध्यस्थता अभियान चलाया जा रहा है.