दिल्ली: दिल्ली में पिछले 3 हफ्ते में कोरोना मामले तेजी से बढ़े हैं. 6 अप्रैल से दिल्ली में सरकार ने नाइट कर्फ्यू लगा दिया है. 30 अप्रैल तक रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक दिल्ली में नाइट कर्फ्यू लागू रहेगा. हालांकि नाइट कर्फ्यू को लेकर लोगों की अलग-अलग राय है. कई विशेषज्ञों का मानना है कि नाइट कर्फ्यू या वीकेंड कर्फ्यू इतने प्रभावी नहीं है.
दिल्ली में क्या कोई असर होगा नाइट कर्फ्यू का? इस सवाल के जवाब में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि नाईट कर्फ्यू से फर्क पड़ता है या नहीं, ये देखने के लिए अभी इंतजार करना होगा. नाइट कर्फ्यू बहुत कठोर कदम नहीं है, रात 10 बजे तक लोग अमूमन अपना काम खत्म कर लेते हैं.
दिल्ली में नाइट कर्फ्यू लगाने की जरूरत आखिर क्यों पड़ी. इस सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दरअसल इस तरह की रिपोर्ट आ रही हैं कि काफी बड़ी संख्या में पार्टियां, शादियां हो रही हैं और इस दौरान अनावश्यक तौर पर लोग इकट्ठे होते हैं. ऐसे समारोह और पार्टियों में लोग बेहद क्लोज कॉन्टेक्ट में आ जाते हैं, इससे बचाने के लिए नाइट कर्फ्यू का फैसला लिया है. ऐसी जगह पर अगर एक व्यक्ति को कोरोना हो गया और वहां 50 लोग मौजूद हैं तो सभी को कोरोना हो जाएगा.
हालांकि सत्येंद्र जैन ने कहा कि ये दिल्ली के किसी खास हिस्से की बात नहीं है जहां रात में ज्यादा भीड़ होती है. लगभग पूरी दिल्ली का हाल एक जैसा है. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं किया जा सकता कि नाइट कर्फ्यू साउथ दिल्ली में लगा दिया जाए और नार्थ दिल्ली में न लगे. ये नाईट कर्फ्यू लंबे समय के लिए नहीं बल्कि कुछ समय के लिए लगाया गया है.
नाइट कर्फ्यू का असर टैक्सी चालकों पर नहीं पड़ेगा. सत्येंद्र जैन ने इस बात पर साफ तौर पर कहा कि टैक्सी के लिए कोई पाबंदी नहीं है. जो लोग यात्रा करने जा रहे हैं या यात्रा करके लौट रहे हैं वो टिकट दिखाकर टैक्सी सर्विस इस्तेमाल कर सकते हैं. साथ ही, रेस्टोरेंट व्यापार को नुकसान होने के सवाल पर सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली में वैसे भी रेस्टॉरेंट खुलने का समय रात 11 बजे तक का होता है. ऐसे में जब कोरोना फैल रहा है तो सजग रहना जरूरी है. कुछ लोग लॉकडाउन की बात करते हैं, कुछ कहते हैं कि कोई पाबंदी न लगे. लेकिन हमने दोनों के बीच का रास्ता अपनाया है.
अप्रैल के महीने में शादियों का सीजन शुरू हो रहा है. ऐसे में क्या शादी समारोह को नाइट कर्फ्यू से छूट मिलेगी. इसके जवाब में सत्येंद्र जैन ने कहा कि हमें कोरोना की गंभीरता को समझने की जरूरत है. दिल्ली में जहां 200 से कम मामले थे वहां अचानक 5000 हजार से ज्यादा मामले दर्ज हो रहे हैं. और जिस तरह से कोरोना बढ़ रहा है ऐसा लगता है कि पुराना रिकॉर्ड भी तोड़कर आगे न बढ़ जाए. दिल्ली में संक्रमण दर 5 फीसदी से अधिक है. महाराष्ट्र में 25%, छत्तीसगढ़ में 16% और कई राज्यों में संक्रमण दर 10% से अधिक दर्ज हो रही है. अगर दिल्ली में संक्रमण दर इतनी तेजी से बढ़ती है तो हालात खराब हो जाएंगे. इसलिए कोरोना को कंट्रोल करने के लिए तमाम कदम उठाने ही होंगे.