जम्मू-कश्मीर: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस (NC) के नेता उमर अब्दुल्ला का कहना है कि वह तब तक विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे जब तक कि जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश बना रहेगा.
उमर अब्दुल्ला को कुछ समय पहले हिरासत से रिहा किया गया था, उन्हें 8 महीने नजरबंद रखा गया था. द इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित एक ओपिनियन पीस में उमर अब्दुल्ला ने लिखा है कि वह जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे.
उन्होंने लिखा “मेरे लिए मैं बहुत स्पष्ट हूं कि जब तक जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश रहेगा, मैं कोई भी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ूंगा. देश में सबसे अधिक अधिकार प्राप्त विधानसभा का सदस्य रहा हूं और वह भी छह साल तक विधानसभा के नेता के रूप में, मैं बस उस सदन का सदस्य नहीं बन सकता जिसने हमें बेघर कर दिया.”
उमर अब्दुल्ला ने 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 के हटाने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक में भाग लेने के बारे में भी लिखा है. अब्दुल्ला ने लिखा “आज तक मैं राज्य को केंद्रशासित प्रदेश बनाने के लिए इस कदम की आवश्यकता को समझने में विफल रहा हूं.”
अब्दुल्ला ने कहा “अगर लद्दाख के लिए एक अलग केंद्र शासित प्रदेश की स्थापना का कारण क्षेत्र की बौद्ध आबादी के बीच सार्वजनिक मांग थी, तो जम्मू के लोगों के लिए एक अलग राज्य की मांग बहुत पुरानी मांग है.” उन्होंने कहा कि अगर धार्मिक आधार पर यह कदम उठाया गया था, तो उन्होंने इस बात को नजरअंदाज किया कि लद्दाख में कारगिल और लेह की बहुसंख्यक आबादी मुस्लिम है.