ज्योत्सना,
खूंटी: झारखंड राज्य के कृषि सह सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख ने प्रवासी मजदूरों के लौटने पर मजदूरों को झारखंड में ही काम दिलाने की बात कही है. उन्होंने कहा कि मजदूरों के सपनों को झारखंड में पूरा करने का समय आ गया है. अबुआ दिसुम अबुआ राज का सपना अपने लोगों के हाथ बंटाने से ही संभव हो सकेगा.
मंत्री ने कहा कि जिस तरह की जिंदगी पिछले दो माह में प्रवासी मजदूरों ने झेली है, यातनाएं सही है. उसे अब झारखंड में ही रहकर झारखंड के नवनिर्माण में जोड़ने की जरूरत है. इन प्रवासी मजदूरों का ठहराव कैसे झारखंड में हो इसकी चिंता हम सबों को करने की जरूरत है. कैश क्रॉप, शार्ट टर्म और लॉन्ग टर्म प्लान के तहत साल दर साल कैसे कृषि और अन्य कार्यों से मजदूरों को जोड़ा जाए. इसके लिए मिल बैठकर कार्य करने की जरूरत है. कृषि विभाग लगातर इस मसले पर बैठकें कर रहा है. 11 सदस्यीय कमिटी का भी गठन किया गया है. दूसरे विभागों से भी समन्वय स्थापित कर कार्य किये जा रहे हैं. कृषि, मनरेगा और अन्य रचनात्मक कार्यों से जोड़कर झारखंड के नवनिर्माण में आगे बढ़ने की आवश्यकता है.
तमाम बाधाओं और कठिनाईयों से निकलकर स्किल्ड और नॉन-स्किल्ड मजदूरों के लिए कार्ययोजना बनाकर धरातल पर उतारा जाएगा. इसके लिए गैर सरकारी संगठनों, बुद्धिजीवियों और तकनीकी कुशलता में दक्ष लोगों के समन्वय से बेहतर कार्य किए जा सकते है. अबुआ दिसुम अबुआ राज की परिकल्पना तभी सार्थक होगी.