जमशेदपुर: कमजोर, गरीब, बेबस , नीरीह जनता के जमीन को हड़पने के लिए भू माफिया, अधिकारियों ,राजनेताओं, के साथ गांठ कर म्यूटेशन बिल आम जनता के अधिकारों पर पाबंदी अधिकारियों को लूट की छूट देने, तानाशाही का अधिकार देने के लिए म्यूटेशन बिल 2020 झारखंड में लाया जा रहा है. ताकि नेता अधिकारी भूमाफिया गठजोड़ कर सरकारी जमीन, गरीब बेबस लाचार जनता के जमीन पर डाका डाल कर कब्जा कर मालो माल हो सके. गरीबों की जमीन को सरकारी जमीन को लूटने के लिए वर्तमान के म्यूटेशन बिल को लाया जा रहा है. उसमें जनता के अधिकारों को खत्म कर दिया गया है. बिल में ऐसा बताया जा रहा है कि अधिकारियों के खिलाफ जनता वरीय अधिकारियों से और कोट में राजस्व अधिकारियों के खिलाफ शिकायत नहीं कर सकती है. जिससे पूरे जनता में आक्रोश है.
झारखंड म्यूटेशन बिल बिहार के तर्ज पर लाया जाए. ताकि झारखंड के जनता को उनके अधिकारों से वंचित नहीं होना पड़े. ऐसा लग रहा है कि सोची-समझी एक साजिश राजनीतिक रणनीति के तहत अधिकारी भू माफिया एवं नेताओं की गठजोड़ से यह बिल गरीबों की जमीन छीनने और सरकारी जमीन हड़पने के लिए लाया जा रहा है. जिसे जनता कतई इस म्यूटेशन बिल को बर्दाश्त नहीं करेगी और लागू नहीं होने देगी. इसके लिए सड़क से लेकर सदन तक इस बिल के विरोध में जनता सड़कों पर उतरेगी. बिल के आने से झारखंड में अधिकारियों में भ्रष्टाचार ,तानाशाही, बढेगी और भू माफियाओं की इशारे पर पदाधिकारी काम करेंगे. सरकारी जमीन गरीबों की जमीन पर भू माफियाओं की गिद्ध दृष्टि बनी रहेगी. गरीबों की एवं सरकारी जमीन की अधिकारी नेताओं से गठजोड़ कर भू माफिया जमीन को हड़प कर कब्जा कर लेंगे. इसलिए एकता विकास मंच सरकार से मांग करता है कि झारखंड म्यूटेशन बिल 2000 को वापस लिया जाए. जिसके लिए एकता विकास मंच झारखंड के सभी क्षेत्रों में जन जागरूकता अभियान चलाते हुए बिल के विरोध में जनता को जागरूक करेगी और उनके अधिकारों को कैसे खत्म किया जा रहा है जागरुक कर बताएगा। इस पूरे मामले को एकता विकास मंच के केंद्रीय अध्यक्ष एक के मिश्रा द्वारा गंभीरता से लेते हुए सभी क्षेत्रों में अपने सदस्यों पदाधिकारियों के साथ दूरभाष के माध्यम से संपर्क कर शीघ्र ही बिल के विरोध में सड़क पर उतरने के लिए तैयार रहने को कहा गया है।