मध्य प्रदेश (भोपाल): नियमितीकरण की मांग को लेकर राजधानी के शाहजहांनी पार्क में 72 दिन से धरने पर डटे अतिथि विद्वानों के आंदोलन में नया मोड़ आया. बुधवार को धरने पर बैठी एक महिला अतिथि विद्वान ने मुंडन करवाकर विरोध जताया.
डॉ. शाहीन ने कहा कि सरकार द्वारा वचन पत्र में किए गए वादे कहां गए. अब हमारे लिए जीवन और मौत का मामला है, हमें जब तक लिखित आर्डर नहीं मिल जाता है, तब तक यहां से हटेंगे नहीं.
मुंडन कराने वाली महिला का नाम डॉ. शाहीन खान है. वह कटनी के पालू उमरिया शासकीय महाविद्यालय में हिन्दी पढ़ाती हैं. अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के संयोजक डॉ. देवराज सिंह ने बताया कि फिलहाल एक महिला अतिथि विद्वान ने आज 1 बजे मुंडन कराया है. अब 26 फरवरी को 4 महिलाएं और 4 मार्च को महिला और पुरुष मुंडन कराएंगे.
मोर्चा के प्रवक्ता डॉ. आशीष पांडे ने बताया कि संगठन द्वारा 2 दिसंबर से छिंदवाड़ा से आंदोलन शुरू किया गया था. इस हिसाब से आंदाेलन के 90 दिन बीत चुके हैं. स्व. संजय कुमार की पत्नी लालसा देवी भी 3 दिन से अस्थि कलश लेकर धरने पर बैठी हैं. उन्होंने कहा कि हमें मुख्यमंत्री के आने का इंतजार है. जब तक वे नहीं आएंगे तब तक हम यहीं डटे रहेंगे.
भोपाल अतिथि विद्वानों के बीच पहुंचे पूर्व मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने शहीद अतिथि विद्वान की तस्वीर पर फूल चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि अतिथि विद्वानों के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देंगे. उन्होंने अतिथि विद्वानों से वादा कि आपकी लड़ाई को विधानसभा के सत्र में मंजिल तक पहुंचाने के लिए हम हर संभव कदम उठाएंगे. मुंडन कराने वाली मुस्लिम बहन डॉ. शाहीन खान से वादा किया कि आपके केशों की कुर्बानी व्यर्थ नहीं जाएगी.
संयोजक डॉ. देवराज ने कहा कि सरकार के पास आईफा अवार्ड्स कराने के लिए पैसा है, फिल्मों को टैक्स फ्री करने के लिए पैसे हैं लेकिन वचनपत्र में किए गए वादे को पूरा करने के लिए सरकार बार-बार वित्तीय संकट का हवाला दे रही है.
राजधानी में 735 दिन के बाद फिर से ऐसा हुआ, जब शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ीं महिला कर्मचारी मांगों के लिए इस तरीके से विरोध जाहिर किया है. इसके पहले 13 जनवरी 2018 को जंबूरी मैदान में धरना दे रही 4 महिला अध्यापकों ने मुंडन करवाकर सरकार को चुनौती दी थी. यह आंदोलन आजाद अध्यापक संघ द्वारा किया गया था.