रांची: महिलाएं उद्यमशीलता की ओर तेजी से आगे बढ़ रहीं हैं. स्वरोजगार से जुड़ने के बाद इन महिलाओं के जीवन में काफी बदलाव आया है. रांची की कई महिलाएं मशरूम के उत्पादन से जुड़कर आत्मनिर्भर बन रही हैं.
देश की आधी आबादी स्वरोजगार के जरिए स्वावलंबन की दिशा में कदम आगे बढ़ा रही है. रांची विद्यानगर की रहनेवाली संगीता ने भी प्रशिक्षण लेकर घर पर ही मशरूम का उत्पादन शुरू कर अपना खुद का व्यवसाय शुरू किया है.
इससे उन्हें काफी आमदनी हो रही है. संगीता बताती हैं कि इस काम को शुरू करने के बाद उनके परिवार की आर्थिक तंगी दूर हो गई है. अब भविष्य सुरक्षित दिख रहा है.
संगीता की तरह ही समूह की करीब चालीस महिलाएं मशरूम का उत्पादन कर रोजी-रोटी चला रही हैं. इनकी साथी महिला सुनीता बताती हैं कि इस व्यवसाय मे डेढ़ महीने मे ही करीब दस गुना लाभ मिलता है.
सुनीता कहती हैं कि स्वरोजगार का असली फायदा लॉकडाउन के दौरान दिखा. जब बड़े-बड़े कल-कारखाने भी बंद थे, तब भी उनका काम एक दिन के लिए भी नहीं रूका.
हौसले मजबूत हों, तो इरादे पूरे होने मे वक्त नहीं लगता. संगीता और सुनीता जैसी अनेकों महिलाएं आज स्वरोजगार को अपनाकर खुशहाल जीवन व्यतीत कर रही हैं.