देवघर: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर उपायुक्त नैंसी सहाय द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत जिलास्तरीय महिला प्रतिभा सम्मान समारोह का विधिवत उद्घाटन इंडोर स्टेडियम, देवघर में दीप प्रज्वलित कर किया गया.
इस दौरान सभी को संबोधित करते हुए उपायुक्त ने कहा कि आज के समय में महिलाएं घर तक सीमित नहीं है, बल्कि देश निर्माण में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है.
इस दौरान उपायुक्त ने सभी से अपील करते हुए कहा कि हम सभी का ये कर्तव्य होना चाहिए कि हम अपने समाज में नारियों को सुरक्षा एवं सम्मान दे एवं इसकी शुरुआत हमें अपने घर से करनी होगी तभी सही मायने में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ सार्थक हो पायेगा. क्योंकि बिना बेटियों के हम एक सभ्य समाज की कल्पना नहीं कर सकते है.
इसके अलावे उपायुक्त ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी महिला से अपील करते हुए कहा कि महिला दिवस को एक पर्व के रूप में मनाने के साथ-साथ महिला कल्याण व सशक्तिकरण से संबंधित सभी सरकारी योजनाओं को प्रति अन्य महिलाओं को भी जागरूक करें.
इसके अलावे उपायुक्त नैन्सी सहाय द्वारा जानकारी दी कि महिलाओं व छात्राओं के अधिकारों की रक्षा के लिए सरकार ने कई शख्त कानून बनाये हैं. इसलिए महिलाओं को किसी भी तरह का अत्याचार चुपचाप सहने के बजाय मजबूति से अपनी आवाज उठाने की जरूरत हैं.
आज महिलाओं के सशक्तिकरण को पूरी दुनिया ने स्वीकार किया है और इसका ही परिणाम है कि प्रत्येक क्षेत्र में आज महिलाएं बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं. आज कोई भी काम ऐसा नहीं रह गया है, जिसे महिलाएं नहीं कर सकती है, कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है जहां महिलाओं की उपस्थिति न हो. आज हर क्षेत्र में महिलाएं सर्वश्रेष्ठ दे रही हैं चाहे वह घर परिवार की जिम्मेवारी निभाना हो या घर से बाहर अपने कार्यस्थल पर कार्य करना ही क्यों न हो.
अपने संबोधन में उपायुक्त ने महिलाओं के प्रति सोच बदलने एवं सम्मान देने की बात कही, उन्होंने कहा महिलाएं मां, बहन और पत्नि के रूप में हमेशा पुरूषों की मदद कंधे से कंधे मिला कर काम करती है. किसी भी पुरूष की कामयाबी में महिला का बहुत बड़ा योगदान होता है और यही वजह है कि महिलाएं सर्वोच्च सम्मान की हकदार है।.
वर्तमान में महिलाओं को उनका अधिकार दिलाने के लिए सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किया जा रहा है, चाहे वह शिक्षा का अधिकार हो, मतदान का अधिकार या अन्य कुछ और.
वहीं उन्होंने महिलाओं से आग्रह किया कि वे सिर्फ चूल्हे-चौके तक सिमटी न रहें बल्कि उससे आगे आकर ज्ञानार्जन करें व अन्य छोटी-छोटी चीजों को भी सिखें. जिसका उन्हें शान होना चाहिये एवं वे अपने महत्व को समझें, क्योंकि जबतक वे स्वयं की अहमियत को नहीं जानेंगी तब तक समाज की विकास में अपना योगदान नहीं दे पायेंगी.
इसके अलावा उन्होंने कहा कि सभी सरकारी व निजी दफ्तरों में महिला कर्मचारियों को कार्य करने के लिए बढ़ावा देने हेतु कार्यस्थल पर कई तरह की सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं, ताकि वे कार्य करने में वे सहजता महसूस कर सकें.