नई दिल्ली: दुनिया भर में कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते कई कंपनियों में लोग घर से ही काम कर रहे हैं, ताकि आवाजाही कम हो और वह संक्रमण से बचे रहें. साथ ही कंपनियां भी लोगों को घर से काम करने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं.
इस बीच केंद्रीय कानून एवं आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कोरोना वायरस का संकट खत्म होने के बाद की दुनिया में वर्क फ्रॉम होम के नये मानदंड स्थापित हो सकते हैं.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने यह बात कही. प्रसाद से पूछा गया कि डिजिटल इकोसिस्टम अर्थव्यवस्था में इस प्रमुख बदलाव को संभाल सकता है, यह सुनिश्चित करने के लिए आपने क्या किया?
जवाब में प्रसाद ने कहा, ‘सबसे बड़ी चुनौती यही थी कि भारत की महान आईटी सफलता किसी भी तरह से बाधित ना हो. सबसे पहले मैंने उदार तरीके से घर से काम करने की अनुमति दी, जिसमें कई नियमों को स्थगित करने की जरूरत थी. मैं देख पा रहा हूं कि कोविड-19 के बाद की दुनिया में वर्क फ्रॉम होम नया मानदंड बनेगा. मैंने अपने विभाग से कहा है कि वह एक मॉडल पर काम करें ताकि भारत में वर्क फ्रॉम होम की व्यवस्था आर्थिक और लाभदायक हो.’
यह पूछे जाने पर कि आगे उन्हें क्या मुश्किलें दिख रही हैं, प्रसाद ने कहा कि ‘जब दुनिया लॉकडाउन करने या न करने के सवाल के बीच खड़ी थी तो पीएम मोदी ने एक बड़ा जोखिम उठाया और मुझे अपने नेता पर बहुत गर्व है. सिविल सेवा ने भी उत्कृष्ठ कार्य किया.
लोगों के आइसोलेशन का प्रबंधन कर रही है. पीड़ितों के संपर्क का पता लगा रही है. इतने सारे लोगों को खिला रही है. दूसरी बात यह है कि वह चाहे व्यापार समुदाय हो या व्यापारी, सभी ने महसूस किया है कि पीएम ने जो रास्ता अख्तियार किया है उसमें जीवन को बचाना सबसे महत्वपूर्ण है.
मैं कभी नहीं कह सकता कि मुश्किलें नहीं आएंगी, लेकिन अवसर भी होंगे. उदाहरण के लिए, भारत इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण के लिए एक बड़ा केंद्र है. मैं बहुत उत्सुक हूं कि पीएम के प्रोत्साहन से हम कोविड-19 के बाद के दुनिया में बड़े मैन्यूफैक्चरर बन जाएंगे.’