सुरूर रज़ा,
रांची: सेंट्रल ट्रेड यूनियंस ने केंद्र सरकार की श्रम विरोधी नीतियों के विरोध में हड़ताल का आह्वान किया है. सरकार ने हाल ही में तीन नए श्रम कानूनों को पारित किया गया है और 27 पुराने कानूनों को खत्म कर दिया है, जिसके विरोध में आज हड़ताल की जा रही है. इससे बैंकों का कामकाज प्रभावित हुआ.
इस हड़ताल में महिलाओं कर्मियों ने भी हिस्सा लिया है. सात सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल की गयी है. मांगों में बैंकों का निजीकरण रोकना और रिक्त पदों पर भर्ती करना भी शामिल है. बैंक कर्मियों का यह कहना है कि हमारी मांगें हर तरह से जायज है.
बता दें कि एआईबीईए, भारतीय स्टेट बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक के कर्मचारियों को छोड़कर लगभग सभी बैंक कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था है. श्रम कानून में बदलाव के अलावा बैंक कर्मचारियों की मांग पर्याप्त संख्या में कर्मचारियों की भर्ती करना और बड़े कॉरेपोरेट ऋण चूककर्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना भी है. गौरतलब है कि इस हड़ताल में देश और विदेश की बैंकों के करीब 30,000 कर्मचारी शामिल हुए है.
जानकारी के अनुसार, आईडीबीआई बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र समेत कई बैंकों ने बुधवार को शेयर बाजारों से कहा था कि हड़ताल के चलते उनके कार्यालयों और शाखाओं में कामकाज बाधित हो सकता है. सिर्फ इतना ही नहीं इसके बाद अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए), अखिल भारतीय बैंक अधिकारी संघ (एआईबीओए) और भारतीय बैंक कर्मचारी महासंघ ने भी इस हड़ताल में शामिल होने की बात कही थी.