चतरा: देश में कोरोना वायरस एक वैश्विक महामारी फैलने से बचाने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 22 मार्च को एक दिन के लिए देश में जनता कर्फ्यू लगाया था. इस जनता कर्फ्यू के सफल होने पर 23 मार्च से बढ़ाकर 14 अप्रैल तक लॉक डाउन लगाया गया.
इसके अन्तर्गत जो जहां है उसे वहीं रहने का आदेश दिया गया तथा उन्हें घरों में रहने, बेबजह बाहर निकलने तथा संक्रमित व्यक्ति से दूर रहने के साथ लॉक डाउन का ईमानदारी से पालन कर देश में फैले महामारी को हराने की घोषणा की गयी लेकिन लोग लॉक डाउन में जो जहां है वहीं रहने के बजाए लोग मुंबई ,कोलकत्ता, पंजाब,हरियाणा ,गुजरात,बिहार , सहित विभिन्न भागों में काम करने वाले मजदूर व लोग किसी तरह भाग दौड़ कर घर आ रहे हैं ,जबकि देश के प्रधानमंत्री के द्वारा पहले ही निर्देश दिया गया है ,कि लॉक डाउन का पालन करें ,बाहर न निकले ,सोशल दूरी बनाये तभी हम इस कोरोना जैसे महामारी से बच सकते हैं.
दूसरे प्रदेश में आजीविका के लिए गए लोग जयपुर पंजाब ,हरियाणा ,बनारस, से पैदल या टेम्पो से मजदूर सभी अपने अपने घर को लौट रहे हैं. इन मजदूरों का कहना है कि अचानक कंपनी बंद होने व राशन पानी की व्यवस्था नहीं रहने के कारण विवश होकर जैसे तैसे अपने घर की तरफ वापस होना पड़ रही है.
बाहर से आए मजदूरों का प्रारंभिक इलाज प्रतापपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लक्षण के आधार पर करके उन्हें होम क्वारंटाइन या प्रशासनिक स्तर पर बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर में रखा जा रहा है. जहां सभी के खाने सहित पूरी व्यवस्था कर उनके परिजनों से दूर रखने की हिदायत दी गई है.