देवघर: केंद्र और राज्य सरकार के पहल के पश्चात लॉक डाउन के वजह से बाहर फंसे झारखण्ड के विभिन्न जिलों के 1084 श्रमिक बंधु आज स्पेशल ट्रैन के माध्यम से एर्नाकुलम से जसीडीह स्टेशन पहुंचे. इस दौरान उपायुक्त नैंन्सी सहाय एवं वरीय अधिकारियों के द्वारा सभी श्रमिकों का अभिनंदन किया गया एवं उनके सकुशल घर वापसी हेतु ढेरों शुभकामनाएं दी गयी. सर्वप्रथम यहां आने वाले सभी श्रमिकों को ट्रैन से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए उतारा गया एवं स्टेशन परिसर में स्वास्थ्य परीक्षण हेतु बने काउंटर में उनका थर्मल स्कैनिंग व स्वास्थ्य जांच संबंधी अन्य सभी प्रक्रिया पूरी की गई. इसके बाद उन्हें उनके गंतव्य तक जाने हेतु अलग-अलग जिलों की बस में बैठाकर रवाना किया गया.
ज्ञात हो कि 24 जिलों के 1084 श्रमिक बंधुओ में पलामू के 154 श्रमिक, देवघर के 130, कोडरमा के 120, बोकारो के 117, गढ़वा के 90, दुमका के 72, गिरीडीह के 59, जामताड़ा के 56, धनबाद के 46, लातेहार के 41, पाकुड़ के 37, सिमडेगा के 33, हजारीबाग के 31, गोड्डा के 15, रामगढ़ के 12, पश्चिमी सिंहभूम के 12, चतरा के 10, गुमला के 10, सरायकेला के 10, साहेबगंज के 9, खूंटी के 8, राँची के 6, पूर्वी सिंहभूम के 3 एवं लोहरदग्गा के 3 श्रमिक बंधु शामिल हैं.
इस दौरान उपायुक्त श्रीमती नैंसी सहाय द्वारा एर्नाकुलम से आने वाले सभी श्रमिक बंधुओं के बीच नास्ता, पानी, का वितरण करते हुए सभी को 14 दिनों तक होम क्वारंटाइन का अक्षरशः पालन करने का निर्देश दिया गया. इसके अलावे उन्होंने आगे कहा कि मास्क का उपयोग कर व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करके हीं हम इस कोरोना नामक महामारी को हराकर इस पर जीत हासिल कर सकते है. इसलिए आवश्यक है कि हम सभी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन एवं चिकित्सकों द्वारा दिए गए चिकित्सकीय परामर्श का अक्षरशः पालन करें एवं स्वस्थ, सतर्क व सुरक्षित रहें.
इसके अलावे उपायुक्त नैंसी सहाय द्वारा जानकारी दी गई कि एर्नाकुलम से यहां आने वाले सभी मजदूरों एवं यहां के लोगों के स्वास्थ्य सुरक्षा के दृष्टिकोण से जिला प्रशासन द्वारा सभी एहतियाती उपाय अपनाये गए हैं. इसलिए किसी भी व्यक्ति को घबराने या पैनिक होने की कोई आवश्यकता नहीं है.