BNN DESK: 13 फरवरी को हर साल विश्व रेडियो दिवस मनाया जाता है. एक समय था जब रेडियो हमारे जीवन का काफी अहम हिस्सा हुआ करती थी. सूचना, संचार और गीतों के माध्यम से मनोरंजन के अहम माध्यम के तौर पर रेडियो का इस्तेमाल किया जाता था. लेकिन टेलिविजन और मोबाइल जैसी चीजें आने के बाद रेडियो का पहले जैसा इस्तेमाल नहीं हो रहा हैलेकिन अब भी इसका महत्व कम नहीं हुआ. आइए आज रेडियो दिवस के अवसर पर इससे जुड़ीं कुछ खास बातें जानते हैं.
दुनिया भर में सूचना के आदान-प्रदान और लोगों को शिक्षित करने में रेडियो ने अहम भूमिका निभाई है. इसका इस्तेमाल युवाओं को उन विषयों की चर्चा में शामिल करने के लिए किया गया जो उनको प्रभावित करते हैं. इसने प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं के दौरान लोगों की कीमती जानों को बचाने में मदद की. यह पत्रकारों के लिए एक प्लैटफॉर्म हुआ करता था जिसके माध्यम से वह अपनी रिपोर्ट दुनिया तक पहुंचाते थे और अपनी कहानी सुनाते थे. मौजूदा समय में भी यह सूचना फैलाने का सबसे शक्तिशाली लेकिन सस्ता माध्यम है.
हालांकि रेडियो सदियों पुराना माध्यम हो गया लेकिन अब भी संचार के लिए इसका इस्तेमाल होता है. इसके अलावा 1945 में इसी दिन यूनाइटेड नेशंस रेडियो से पहली बार प्रसारण हुआ था. रेडियो की इन अहमियतों को देखते हुए हर साल रेडियो दिवस मनाया जाता है. औपचारिक रूप से पहला विश्व रेडियो दिवस 2012 में मनाया गया.
स्पेन रेडियो अकैडमी ने 2010 में पहली बार इसका प्रस्ताव रखा था. 2011 में यूनेस्को की महासभा के 36वें सत्र में 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस घोषित किया गया. 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस के तौर पर यूनेस्को की घोषणा को संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने 14 जनवरी, 2013 को मंजूरी दी.
हर साल यूनेस्को दुनिया भर के ब्रॉडकास्टर्स, संगठनों और समुदायों के साथ मिलकर रेडियो दिवस के अवसर पर कई तरह की गतिविधियों का आयोजन करता है.
इस दिन संचार के माध्यम के तौर पर रेडियो की अहमियत के बारे में स्वस्थ चर्चा की जाती है और जागरूकता फैलाई जाती है. इस विषय पर भाषण दिया जाता है.
वर्ल्ड रेडियो डे 2020 का विषय ‘रेडियो और विविधता’ है. जैसा की शीर्षक से ही स्पष्ट है इस बार की थीम विविधता और बहुभाषावाद पर केंद्रित है.