नई दिल्लीः निजी क्षेत्र के यस बैंक के फाउंडर राणा कपूर की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. बंबई हाई कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) इस मामले की जांच कर रहा है. राणा कपूर अभी नवी मुंबई की तलोजा जेल में बंद हैं. ईडी ने पिछले साल मार्च में कपूर को गिरफ्तार किया था.
कॉरपोरेट गवर्नेंस में गड़बड़ी के आरोपों में सीबीआई भी उनके खिलाफ जांच कर रही है. ईडी ने कपूर पर डीएचएफएल और उसकी ग्रुप कंपनियों को लोन देने में सांठगांठ का आरोप लगाया है. राणा कपूर और अशोक कपूर ने 2004 में यस बैंक की स्थापना की थी. पिछले साल 5 मार्च को रिजर्व बैंक ने यस बैंक की कमान अपने हाथों में ली थी और बैंक के बोर्ड को भंग कर दिया था. इसकी वजह यह है कि बैंक का एनपीए बहुत बढ़ गया था.
वरदान बना बैन
आरबीआई का बैन बैंक के लिए वरदान साबित हुआ. चालू वित्त वर्ष की दिसंबर, 2020 में समाप्त तीसरी तिमाही में बैंक ने 150.71 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया है. इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में डूबा कर्ज (NPA) बढ़ने की वजह से बैंक को 18,654 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड घाटा हुआ था. करीब 10 महीने पहले यह बैंक घाटे में था. बैंक का घाटा इतना बढ़ गया था कि आरबीआई को उस पर प्रतिबंध लगाना पड़ा था.