लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कश्मीरी छात्र-छात्राओं को सुविधा और सुरक्षा मुहैया कराना राज्य सरकार की प्राथमिकता है. सीएम ने कहा कि हम एक दूसरे से संवाद कर उनके अनुभव को शेयर करके बहुत कुछ सीख सकते हैं, अगर कश्मीरी छात्रों की स्कॉलरशिप और फीस को लेकर कोई भी दिक्कत आती है तो राज्य सरकार इसकी व्यवस्था करेगी.
मुख्यमंत्री ने ये बातें शनिवार को अपने सरकारी आवास पर कश्मीरी छात्र-छात्राओं के साथ संवाद स्थापित करने के दौरान कहीं. उत्तर प्रदेश के अलग-अलग शिक्षण संस्थानों में पढ़ रहे करीब 65 छात्र-छात्राओं के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बातचीत की. उन्होंने कहा कि कश्मीरी छात्र-छात्राओं के लिए राज्य में मेरी भूमिका एक गार्जियन के रूप में है. इसलिए बच्चे अपनी बातों को बिना किसी संकोच के रख सकते हैं. उन्होंने कहा कि ग्रुप डिस्कशन से हमेशा अच्छे परिणाम आते हैं. समय-समय पर बच्चों और स्थानीय प्रशासन के बीच संवाद होना चाहिए, ताकि बच्चों से जुड़ी स्थानीय समस्याओं का समाधान हो सके.
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अगर कोई कश्मीरी छात्र पढ़ाई के साथ नौकरी करना चाहता है तो उसकी सुरक्षा और उसे रोजगार दिलाने की व्यवस्था राज्य सरकार करेगी. कॉलेज प्लेसमेंट में भी छात्रों की मदद करने का सीएम ने आश्वासन दिया. उन्होंने बालिकाओं की सुरक्षा को लेकर कड़े निर्देश दिये.
मुख्यमंत्री ने संवाद के दौरान छात्रों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि अनुच्छेद- 370 हटने से जम्मू-कश्मीर के विकास में तेजी आएगी. इसका कोई नकारात्मक प्रभाव वहां के लोगों पर नहीं पड़ेगा.
सीएम ने बच्चों को आश्वस्त करते हुए कहा कि आज हो रहे संवाद में जो भी बात या समस्या निकलेगी, उसे हम दूर करने का प्रयास करेंगे. सबसे जरूरी है संवाद होना चाहिए. उन्होंने छात्रों को आश्वासन दिया कि मेरे साथ जो भी बात आप कर रहे हैं, वह गोपनीय रहेगी और संवाद के द्वारा हम अच्छा माहौल बना सकते हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतांत्रिक माहौल में संवाद सबसे अधिक जरूरी है. लोकतंत्र का मतलब सबका विकास है. बेहतर कल के लिए आज यह प्रयास किया जा रहा है. प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर स्थित शिक्षण संस्थनों में छात्र पढ़ रहे हैं. उनके साथ समय-समय पर संवाद करुंगा और उनकी समस्या को सुलझाने का प्रयास करूंगा.