पलामू: कोरोना संक्रमण के कारण होम क्वारंटाइन में रह रहे एक युवक की मंगलवार सुबह मौत हो गई. युवक तीन दिनों से सर्दी-बुखार से पीड़ित था. अहले सुबह उसे दस्त हुआ और कुछ देर बाद ही उसने दम तोड़ दिया. घटना के बाद प्रशासनिक महकमा और स्वास्थ्य विभाग मामले की जांच में जुट गया है. युवक के घर मेडिकल टीम पहुंची है.
जानकारी के अनुसार, पलामू जिले के लेस्लीगंज प्रखंड के कठौंधा निवासी 20 वर्षीय दलित युवक 24 मई को तमिलनाडू से लौटा था. वो वहां मजदूरी करता था. युवक को होम क्वारंटाइन किया गया था. सहिया हर दिन उसकी स्थिति का पता लगाने के लिए उसके घर जाती थी. लेकिन परिजन सर्दी बुखार होने के बाद भी मौसमी समस्या समझकर मामले को छुपाकर रखे थे. सोमवार को भी इलाके की सहिया उसके घर गई. उसे बताया गया कि युवक ठीक ठाक है, जबकि उसकी तीन दिनों से तबियत खराब थी.
परिजनों ने बताया कि तमिलनाडू से लौटने के बाद ऐसा लगा कि रास्ते में कई जगहों का पानी पीने से सर्दी-खांसी और बुखार हो गया. सहिया जब आयी तो उसे भी सही जानकारी नहीं दी गई. सुबह 3 बजे से उसे अचानक दस्त होने लगा. थोड़ी देर बाद उसकी मौत हो गई.
युवक तमिलनाडू में रहकर विक्टोरिया धागा फैक्ट्री में काम करता था. एक वर्ष पहले उसकी शादी हुई थी. युवक की मौत के बाद लेस्लीगंज के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अरूण कुमार मोहंता द्वारा 14 लोगों की सैंपलिंग की गई है.
मृत युवक का दो तरह का सैंपल लिया गया है. स्वॉब सैंपल के अलावा ‘ट्रू नेट’ के माध्यम से भी सैंपलिंग की गई थी, लेकिन मृतक का कोविड रिपोर्ट नेगेटिव आया है.
जिला के सिविल सर्जन डॉ. जॉन एफ कनेडी ने बताया कि मृतक का कोविड-19 का रिपोर्ट नेगेटिव आया है. मौत के बाद लक्षण देखकर युवक का दो तरह का सैंपल लिया गया था, लेकिन मृतक की रिपोर्ट निगेटिव आयी है.
बता दें कि डेढ़ माह के दौरान केवल लेस्लीगंज प्रखंड क्षेत्र में चार की मौत हो गयी है. तीन की मौत होम क्वारंटाइन में हुई, जबकि एक युवक ने सरकारी क्वारंटाइन में आत्महत्या कर ली थी.
पहली घटना सरकारी क्वारंटाइन सेंटर में हुई थी. 22 अप्रैल को लेस्लीगंज के कोटखास स्थित उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय में एक युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी.
इसी तरह गेठा गांव में 17 मई को होम क्वारंटाइन में रह रहे एक 50 वर्षीय प्रवासी श्रमिक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. प्रवासी मजदूर था जालंधर में रहकर मिठाई दुकान में काम करता था. लॉकडाउन के बाद 6 मई को श्रमिक स्पेशल ट्रेन से अपने भाई संजय दास के साथ पलामू आया था. जिसके बाद स्तरोन्नत उच्च विद्यालय धनगांव में कोविड-19 जांच के लिए सैंपल लेकर दोनों भाइयों को 7 मई से 14 दिन के लिए होम क्वारंटाइन कर दिया गया था.
मजदूर ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. मजदूर अकेले रह रहा था. उसके परिवार के लोग उससे अलग मेदिनीनगर में रह रहे थे. इससे वह काफी तनाव में रहता था. 30 मई को भी सोनेसरई में होम क्वारंटाइन में रह रहे अधेड़ की मौत हो गई थी.
अधेड़ 28 मई को उड़ीसा के भुवनेश्वर से आया था. ग्रीन जोन से आने के कारण अधेड़ को होम क्वारंटाइन किया गया था. सुबह में उठने पर चक्कर खाकर गिर गया था. बाद में उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी. चिकित्सकों के अनुसार, अधेड़ की मौत ब्रेन हेमरेज से हुई थी.