रांची: जनजातीय समाज के लोगों के शिक्षा एवं रोजगार पर बात करते हुए भाजपा के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अरुण उरांव ने कहा कि भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में जनजातीय समाज के युवाओं को केंद्रबिंदु बनाकर यह साबित कर दिया कि भाजपा ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जो अनुसूचित जनजाति समाज के प्रति चिंतित भी है और समर्पित भी.
उन्होंने कहा कि रघुवर सरकार विकास की पंचधारा पर काम कर रही है- बच्चों की पढ़ाई, बुजुर्गों की दवाई, युवाओं की कमाई, किसान की सिंचाई एवं जन-जन की सुनवाई और हमारी पार्टी ने अपने घोषणा पत्र के माध्यम से इस बात को परिलक्षित कर दिया कि सभी वर्गों को साथ लेकर चलना भाजपा सरकार की प्राथमिकता भी है और प्रतिबद्धता भी. उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज के बच्चों की शिक्षा पर जोर देते हुए पिछले पांच वर्षों में रघुवर सरकार ने ब्लॉक स्तर पर एकलव्य विद्यालय को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित किया जहां पढ़ाई के साथ-साथ कैपेसिटी बिल्डिंग एवं कोचिंग की भी व्यवस्था की गई और अब उसी को आगे बढ़ाते हुए भाजपा ने 2022 तक 70 नए एकलव्य मॉडल स्कूल बनाने का एक दूरदर्शी निर्णय लिया है ताकि कोई भी जनजातीय समाज का कर्णधार शिक्षा से वंचित न रहे.
उन्होंने बताया कि भाजपा ने जनजातीय समाज के छात्रों की न सिर्फ स्कूली शिक्षा, अपितु कौशल विकास एवं उच्च शिक्षा को भी प्राथमिकता देते हुए कौशल विकास प्रशिक्षण एवं स्वालंबन नियोजन के लिए विशेष सेल का गठन किया है जो कौशल विकास संबंधित विषयों के साथ-साथ छात्रवृतियों का वितरण समय पर हो, इसकी भी मॉनिटरिंग करेगा.
जनजातीय समाज के युवाओं के रोजगार पर चर्चा करते हुए उरांव ने बताया कि आने वाले वर्षों में भाजपा सरकार रघुनाथ मुर्मू आवासीय कौशल विद्यालय की स्थापना ऐसे स्थानों पर करेगी, जहां लोगों को भौतिक परेशानियों की वजह से सीखने के अवसर नहीं मिल पाते हैं. साथ ही साथ जनजातीय युवाओं के मुफ्त प्रशिक्षण के लिए विभिन्न सेवाओं में भर्ती स्कूल स्थापित किए जाएंगे जिससे वे विभिन्न सैन्य-अर्धसैन्य बलों में शामिल हो सके. जनजातीय समाज के युवाओं के स्वरोजगार पर सरकार की भावी योजनाओं का जिक्र करते हुए उरांव ने बताया कि युवाओं को रियायती दरों पर 5 लाख तक का ऋण, नए व्यवसाय को स्थापित करने के लिए आवश्यक उपकरण पर सब्सिडी सहित कई कार्यक्रमों के माध्यम से हमने 2024 तक जनजातीय समाज के कार्यबल को 25 लाख तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है.
इसके अलावा आजीविका के लिए वनउपजों पर निर्भर समुदायों के लिए एमएसपी पर विशेष बोनस एवं वनउपजों को बढ़ावा मिले, इसकी व्यवस्था भी की जाएगी ताकि जनजातीय समाज के लोगों के आजीविका के अवसरों को बढ़ाया जा सके.