उत्तराखंड: देहरादून के जोनल प्लान को सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिल गई है. अब जोनल प्लान के जरिये हर इलाके को अलग-अलग खसरा नंबर के साथ दिखाया जाएगा. इससे लोगों को लैंड यूज के बारे आसानी से पता चल सकेगा. मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने पिछले वर्ष अप्रैल में इसका प्रस्ताव शासन को भेजा था.
शासन ने मास्टर प्लान का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने के चलते जोनल प्लान के लिए कोर्ट ही से अनुमति लेने के आदेश दिए थे. जिसे लेकर एमडीडीए सुप्रीम कोर्ट गया. जहां से सुप्रीम कोर्ट ने उसके पक्ष में फैसला सुनाया.
बता दें, एमडीडीए ने कई बार जोनल प्लान तैयार किया, लेकिन उसमें तमाम तरह की खामियां रही. इसकी वजह से वह लागू नहीं हो पाया.
नगर नियोजन विभाग ने मास्टर प्लान के आधार पर दून का जोनल प्लान तैयार किया था. इसमें शहर के हर इलाके को अलग-अलग खसरा नंबर के साथ दिखाया गया था. इतना ही नहीं उसके लैंड यूज आदि की भी जानकारियां दी गईं. नगर नियोजन विभाग ने लेआउट लगाकर क्षेत्र के लोगों से आपत्तियां मांगी थी. जिस पर करीब 550 आपत्तियां पहुंची थी. इसमें राजपुर रोड पर जिलाधिकारी का आवास गायब मिला.
वहीं, पुलिस मुख्यालय, गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय, शहर कोतवाली समेत तमाम महत्वपूर्ण कार्यालय और स्थान गायब मिले थे. इतना ही नहीं कहीं आवासीय इलाके को शैक्षणिक दर्शाया गया है तो कहीं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को सरकारी दिखाया गया सेंट जोजेफ्स स्कूल के बाद सीधे सचिवालय दिखाया गया था. खामियां सामने आने के बाद एमडीडीए ने उन्हें दुरुस्त कर पिछले वर्ष अप्रैल में बोर्ड बैठक में पास कराया. इसके बाद उसे मंजूरी के लिए शासन भेज दिया. इसके बाद से जोनल प्लान लागू होने की उम्मीद लगाई जा रही थी.