प्रशासन कर रही मामले की जांच
रांची: रांची जिले के ओरमांझी प्रखंड अंतर्गत गगारी पंचायत के छप्पर टोली गांव में धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया है.
सूत्रों के अनुसार यहां 10 युवकों ने धर्म परिवर्तन कर लिया है. बताया जा रहा है कि यह युवक अपना हिंदू और सरना धर्म छोड़कर ईसाई हो गए हैं.
इसके बाद से ग्रामीणों में आक्रोश है. गांव की पूजा समिति, मुखिया और सरना समिति ने रविवार को बैठक कर फैसला किया है कि युवक या तो ग्रामसभा को लिखकर दें कि वह क्रिश्चियन हो गए हैं. साथ ही एक कमेटी बनाई गई है जो इन युवकों को समझा-बुझाकर वापस इनके पुराने धर्म पर लाएगी. ग्रामीणों ने फैसला किया है कि एक महीने बाद फिर बैठक की जाएगी और तब फैसला लिया जाएगा कि अगर यह युवक वापस अपने मूल धर्म पर नहीं आते तो आगे क्या रणनीति अपनाई जाए.
क्या कहते हैं ग्रामीण
ग्रामीणों का कहना है कि 16 साल पहले गांव का एक युवक धर्म परिवर्तन कर क्रिश्चियन हो गया था. गांव के उप प्रमुख जय गोविंद साहू ने बताया की युवक झाड़-फूंक और लोगों का इलाज करता है. उन्होंने बताया कि झाड़-फूंक और इलाज के लिए यह लोगों को रांची चर्च में ले जाते थे और उन्हें ठीक करने के बाद उन्हें समझाता था कि उनके क्रिश्चियन धर्म की वजह से ही उनकी बीमारी खत्म हुई है.
इसके बाद वह युवकों को क्रिश्चियन धर्म अपनाने को कहता था और उनको क्रिश्चियन बना लेता थे. ओरमांझी के प्रमुख बुधराम बेदिया ने बताया कि पांच साल में महेंद्र ने 10 लोगों का धर्म परिवर्तन कराया. बताते हैं कि दो महीने पहले गांव के दो युवकों की शादी हुई थी.
लोगों को क्रिश्चन बनाने वाले इस युवक ने कुछ दिन पहले उनकी पत्नियों का सिंदूर धुलवा दिया और उन्हें समझाया कि क्रिश्चियन धर्म में सिंदूर नहीं लगाया जाता. ग्रामीणों ने जब महिलाओं का सिंदूर धुला हुआ देखा तो उनसे जानकारी ली. तब लोगों को पता चला कि यह लोग क्रिश्चियन हो गए हैं. इसके बाद ग्रामीणों ने मामले की शिकायत ओरमांझी थाने में की. उपप्रमुख जय गोविंद साहू ने बताया की शिकायत करने के बाद पुलिस युवा थको थाने ले गई. लेकिन बाद में पूछताछ कर आपस में समझौता करा कर छोड़ दिया. इसके बाद ग्रामीणों ने शनिवार को बैठक रखी. इसकी जानकारी मिलने पर डीएसपी गांव पहुंचे और लोगों को बैठक नहीं करने की हिदायत दी. डीएसपी ने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है और जब तक जांच पूरी न हो जाए किसी को कोई बैठक नहीं करना है. इसके बाद रविवार को ग्रामीणों ने बैठक की.
इस बैठक में ग्रामीणों ने तीन प्रमुख निर्णय लिए हैं.
इसमें पहला फैसला ये लिया गया कि जिन युवकों ने धर्म परिवर्तन किया है वह ग्राम सभा को लिखकर दें कि वह अब क्रिश्चियन हो गए हैं.
इसके अलावा एक कमेटी बना दी गई है. कमेटी में गांव के प्रमुख लोगों को रखा गया है. यह कमेटी धर्म परिवर्तन करने वाले युवकों को वापस हिंदू और सरना धर्म में लाने की कोशिश करेगी.
साथ ही एक महीने में ग्रामीणों ने फिर बैठक करने का फैसला किया है. इस बैठक में हालात की समीक्षा की जाएगी. अगर युवक वापस अपने मूल धर्म में आ जाएंगे तो ठीक है. वरना कमेटी आगे की रणनीति बनाएगी कि आगे क्या करना है.
गांव में पुलिस तैनात हालात पर रख रही नजर
गांव में बैठक के बाद माहौल गरमा गया है. डीएसपी हालात पर नजर रख रहे हैं. डीएसपी ने रविवार को दो बार गांव जाकर हालात का जायजा लिया. इसके अलावा थाना प्रभारी को भी हालात पर नजर रखने को कहा गया है. साथ ही गांव में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है.
युवकों के घरों में भी हो रहा विरोध
ग्रामीणों के अनुसार जिन युवकों ने क्रिश्चियन धर्म अपनाया है उनके घरों में भी उनके माता-पिता इसका विरोध कर रहे हैं. उनके माता-पिता अभी अपने हिंदू और सरना धर्म पर ही हैं. युवकों के माता-पिता युवकों से कह रहे हैं कि वह अपने पुराने धर्म पर वापस आ जाएं. युवकों को मनाने का काम चल रहा है. युवकों की पत्नियों के मायके वाले भी इसका विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि उन्होंने अपनी बेटियां हिंदू या सरना धर्म के लोगों को दी हैं. वह लोग भी अपनी बेटियों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं कि वह अपने पतियों पर मूल धर्म में वापस लौटने का दबाव डालें.
जिला प्रशासन ने शुरू की मामले की जांच
मामले की जानकारी मिलने के बाद जिला प्रशासन की तरफ से इसकी जांच शुरू हो गई है. डीसी छवि रंजन ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं. उन्होंने एसडीओ समीरा एस से पूरे मामले की जानकारी ली और जांच कर जल्द रिपोर्ट देने को कहा है. एसडीओ समीरा एस इस बात की जांच करा रही हैं कि इन लोगों ने किसी लालच में धर्म परिवर्तन किया है या फिर स्वेच्छा से किया है. जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. मामले की जांच के लिए वीडियो और सीओ को लगाया गया है साथ ही डीएसपी को भी अपने स्तर से जांच कर रिपोर्ट देने को कहा गया है.
क्या कहते है एसडीओ, रांची
मेरे दफ्तर में धर्म परिवर्तन को लेकर किसी तरह का कोई आवेदन नहीं आया है. अगर गांव में धर्म परिवर्तन हुआ है तो इसकी गहराई से जांच की जाएगी. यह पता लगाया जाएगा कि जिन लोगों ने धर्म परिवर्तन किया है. उन्होंने पैसा देकर या लालच देकर ऐसा कराया गया है, या फिर उन्होंने स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन किया है. अगर पैसा देकर या लालच देकर धर्म परिवर्तन कराया गया है. तो अधिनियम के प्रावधान के तहत कार्रवाई की जाएगी.
DC रांची छवि रंजन ने कहा
अधिनियम की धारा 5 के तहत यह प्रावधान है कि बिना जिला दंडाधिकारी की अनुमति के कोई धर्म परिवर्तन नहीं करेगा. धर्म परिवर्तन के लिए जिला दंडाधिकारी की अनुमति लेना है. अगर किसी ने बिना अनुमति के धर्म परिवर्तन कर लिया है तो उसे धर्म परिवर्तन के सात दिन के अंदर जिला दंडाधिकारी को रिपोर्ट करने को कहा गया है. इस मामले में अगर ऐसा नहीं हुआ है तो अधिनियम की धारा के तहत कार्रवाई होगी.